न्यूट्रॉन क्या है और इसकी खोज किसने की थी? Neutron in Hindi

न्यूट्रॉन क्या है
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अगर आप विज्ञान में थोड़ा बहुत भी रुचि रखते होंगे तो आपको परमाणु शब्द का बोध जरूर होगा। इंसानों ने आदिकाल से ही विभिन्न रिसर्च करके नई नई तकनीक को जन्म दिया है। परमाणु और इसके घटकों की खोज भी बहुत विशेष थी। आज हम बात करने वाले है परमाणु के नाभिक में पाए जाने वाले एक सूक्ष्म कण की जिसे हम न्यूट्रॉन के नाम से जानते है। न्यूट्रॉन की खोज परमाणु जगत में एक वरदान साबित हुई है। आर्टिकल न्यूट्रॉन क्या है को पूरा जरूर पढ़े ताकि आपको इस आविष्कार अर्थात न्यूट्रॉन के बारे में अच्छी जानकारी हो जाए।

हम आज आपको बताएंगे की न्यूट्रॉन क्या है, न्यूट्रॉन की खोज किसने की। इसकी खोज में योगदान देने वाले वैज्ञानिकों कर परिचय भी आपसे कराएंगे। इसके साथ ही न्यूट्रॉन के बारे में कुछ ऐसे रोचक और महत्वपूर्ण तथ्यों का जिक्र करेंगे जो इससे पहले अपने नही सुने होंगे। तो बिना देर किए चलिए बढ़ते है अपने इस खास लेख की ओर।

 न्यूट्रॉन क्या है और इसकी खोज किसने की थी?  Neutron in Hindi

न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्वीय कण है इसपर कोई भी आवेश नही होता है, न्यूट्रॉन की खोज 1932 में जेम्स चेंडविक ने की थी। न्यूट्रॉन, चुंबकीय क्षेत्र और वैधुत क्षेत्र में बिना डिफलेक्ट हुए अपने मार्ग पर सीधा निकल जाता है। जिससे यह पता लगता है कि न्यूट्रॉन उदासीन कण है। न्यूट्रॉन और प्रोटॉन नाभिक में रहते हैं और इलेक्ट्रोनों की तरह चक्कर नहीं लगाते हैं। न्यूट्रॉन के विषय में और अधिक जानकारी हमारे आर्टिकल न्यूट्रॉन क्या है में आपको नीचे पढ़ने को मिलेगी।

न्यूट्रॉन किसे कहते हैं

प्रोटॉन किसे कहते हैं?

न्यूट्रॉन की खोज – Discovery of Neutron

अब हम यह जानेंगे कि न्यूट्रॉन की खोज किस प्रकार हुई, और कृपया हमारे इस महत्वपूर्ण अभिलेख न्यूट्रॉन क्या है को पूर्णतया अच्छे से पढ़ें।

सन 1920 में रदरफोर्ड द्वारा उनके एक्सपेरिमेंट्स के आधार पर उन्होंने यह बताया कि परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के अलावा एक ऐसा उदासीन कण भी पाया जाता है जिसका द्रव्यमान लगभग प्रोटोन के बराबर हो सकता है।

इसी आधार पर वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने अपने प्रोयोग द्वारा सन 1932 में इस उदासीन कण की खोज कर ली और फिर उन्होंने इसे न्यूट्रॉन नाम दिया। सन 1935 में न्यूट्रॉन की खोज के लिए वैज्ञानिक चैडविक को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार भी मिला।

न्यूट्रॉन केवल परमाणु के नाभिक में ही स्थाई रह सकता है। परंतु स्वतंत्र अवस्था में यह कण स्थाई नहीं रहता। न्यूट्रॉन का स्वतंत्र अवस्था में रेडियो एक्टिव क्षय होने लगता है। जब न्यूट्रॉन का रेडियो एक्टिव 6 होता है तब यह एक इलेक्ट्रॉन, एक प्रोटॉन और एक एंटीन्यूट्रिनो में टूट जाता है। उम्मीद करते हैं कि आपने आर्टिकल न्यूट्रॉन क्या है में यह जान लिया होगा की Neutron kise kehte hain और न्यूट्रॉन के विषय में बहुत कुछ जान लिया होगा।

न्यूट्रिनो किसे कहते हैं? What is Neutrino?

इलेक्ट्रॉन की भांति ही न्यूट्रींनो एक बहुत ही छोटा कण है। यह आवेश रहित होता है जिस कारण इस पर कोई भी चुंबकीय तथा वैधुत स्तथिक बल नहीं लगता है। परमाणु जगत और प्रकृति में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स की अलग ही भूमिका है। इस प्रकार के बल परमाणु एवं अणु में आकार और ठोसों में structure देने के जिम्मेदार होते हैं। न्यूट्रिनो की रसायनिक अभिक्रिया में कोई भूमिका ही नहीं है। इलेक्ट्रॉन की भांति अरुण तथा परमाणुओं के मध्य इनका आदान-प्रदान नहीं होता है।

न्यूट्रिनो कण काफी अनोखा है। इस कण का आपसी कणों से कोई संबंध नहीं होता है जिसके कारण है लोहे की मोटी से मोटी चादर को भी भेद कर सीधे निकल सकने की क्षमता रखता है। एक अनुमान के हिसाब से यदि लोहे की 130 अरब प्रकाश वर्ष मोटी चादर को इसके रास्ते में लाया जाए तो भी यह उस चादर को आसानी से पार कर लेगा। इससे यह स्पष्ट है कि न्यूट्रींनो की भेदन क्षमता बहुत ज्यादा अधिक है।

पहले के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना था कि न्यूट्रींनो कण का कोई भी द्रव्यमान नहीं होता है। सन 2002 में वैज्ञानिक डेविस और माशतोशी को न्यूट्रिनो के शोध के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। Scientist डेविस ने सूर्य से आए न्यूट्रिनो और Scientist कोशिवा ने 1987 के महा सुपरनोवा के महा विस्फोट से उत्पन्न न्यूट्रिनो की पहचान की। इन सभी शोधों और प्रयोगों के बाद यह अवधारणा बिल्कुल खत्म हो गई कि न्यूट्रिनो एक द्रव्यमान रहित कण है।

चलिए अब neutron के विषय में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में जान लेते हैं जो से पहले शायद आपने कही न पड़ें हो। लेकिन आर्टिकल न्यूट्रॉन क्या है में इन तथ्य को ध्यान पूर्वक पढ़ेंगे तभी ये आपके लिए फायदेमंद होंगे।

न्यूट्रॉन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य – Some Important Points about Neutron

  • न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ रहता है। अर्थात प्रोटॉन और न्यूट्रॉन ही परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं। परमाणु भार का निर्धारण न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन ही करते हैं।
  • प्रोटॉन और न्यूट्रॉन आपस में नाभिकीय बल के द्वारा जुड़े रहते हैं।
  • न्यूट्रॉन का भार, प्रोटॉन के भार से थोड़ा ज्यादा होता है। न्यूट्रॉन के भार का मान 67493 × 10-27 kg होता है। प्रोटॉन के भार की बात की जाए तो इसका मान लगभग 1.6726E-27 kg होता है।
  • इलेक्ट्रॉन की तुलना में न्यूट्रॉन का भार इलेक्ट्रॉन से 1839 गुना ज्यादा होता है।
  • Neutron एक उदासीन कण है जिस पर कोई भी आदेश नहीं पाया जाता है।
  • न्यूट्रॉन स्वतंत्र अवस्था में स्थाई नहीं रह सकता है। इसकी रेडियो एक्टिव क्षय की अर्ध आयु 614 सेकंड है।
  • Neutron को भी कई भागों में बांटा जा सकता है अर्थात यह कोई मूलभूत कर नहीं है। इस के भागों को क्वार्क कहते हैं।
  • न्यूट्रॉन 3 क्वार्क से मिलकर बना होता है जिसमें दो क्वार्क डाउन होते हैं और एक क्वार्क up होता है।
  • न्यूट्रॉन Star का Escape velocity 100,000 से 150,000 km/sec के बीच होता है। और न्यूट्रॉन स्टार बहुत तेज गति से भी घूमते हैं।
  • न्यूट्रॉन स्टार के पास बहुत अधिक द्रव्यमान है जिस कारण उनके पास हमारी पृथ्वी की अपेक्षा 1000 गुना शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल है।
  • अब तक का जो सबसे बड़े न्यूट्रॉन Star खोजा गया है उसका नाम PSR J0348+0432 है।
  • न्यूट्रॉन का सापेक्षिक द्रव्यमान 1 इकाई माना गया है जो कि प्रोटॉन के सापेक्ष द्रव्य मान के बराबर ही है।

इलेक्ट्रॉन किसे कहते हैं?

निष्कर्ष

आज के इस लेख मे हमने न्यूट्रॉन से जुड़े सभी जानकारी हासिल की। जिसमे हमने न्यूट्रॉन के भार से लेकर द्रव्यमान तक सभी का वजन बताया। क्योंकि यह सभी जानकारी हमारी कॉम्पटिशन के तरीके से काफी महत्वपूर्ण है। इन्ही से जुड़े ज़्यादातर वैकल्पिक प्रश्न पूछें जाते हैं? कैसे किसी प्रोटोन के साथ न्यूट्रॉन के साथ रहते हैं? आशा करता हूँ कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको इस लेख से जुड़ा कोई भी प्रश्न हो हमें कॉमेंट बॉक्स मे अवश्य पूछें।

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