वायु प्रदूषण क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं इसके कारण, बचाव

वायु प्रदूषण क्या है
2.9/5 - (9 votes)

आज में लेख वायु प्रदूषण क्या है में आपका स्वागत है। प्रदूषण एक ऐसी विशाल समस्या है जिससे निपटना हम सभी लोगों के लिए बहुत ही जरूरी हो गया है। जिस प्रकार से आबादी लगातार बढ़ती जा रही है विभिन्न प्रकार के प्रदूषण जन्म लेते आ रहे हैं। वायु प्रदूषण भी उन्हीं में से एक है। हमें जीवित रहने के लिए लगातार सांस लेने की आवश्यकता होती है जिसमें हम वायुमंडल की वायु को अपने फेफड़ों तक ले जाते हैं। परंतु जब इस प्राण वायु में कुछ हानिकारक पदार्थ मिल जाते है जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, तब हम इसे वायु प्रदूषण का नाम देते हैं।

रसायन विज्ञान के छात्रों के लिए आज जो प्रश्न महत्वपूर्ण होने वाले हैं, कुछ इस प्रकार से होंगे कि वायु प्रदूषण क्या है, वायु प्रदूषण के कारण क्या है और जल प्रदूषण कैसे होता है, वायु प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखा जाता है, वायु प्रदूषण के प्रकार क्या है, वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव पर चर्चा कीजिए, वायु प्रदूषण प्रस्तावना आदि। कक्षा 12 के अध्याय Environmental Chemistry की दृष्टि से ये सभी प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण है अतः छात्रों से निवेदन है कि वे इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।

वायु प्रदूषण क्या है? About Air Pollution in Hindi

क्या आप जानते हैं कि वायु प्रदूषण क्या है (Vayu Pradushan Kya Hai) कुछ हानिकारक पदार्थ वायु में मिलकर मनुष्य और अन्य जीवों के स्वाथ्य को हानि पहुचते हैं यह गैस, कण और जैविक अणु के रूप में होते हैं। वायुमंडल में कई प्रकार के हानिकारक कण जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रेट, ब्लैक कार्बन, धूल कण, ओजोन आदि वायु को अशुद्ध कर देते हैं, और वायु प्रदूषण को जन्म देते हैं।

वायु प्रदूषण इंसान के लिए बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। दिल्ली जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में वायु प्रदूषण काफी अधिक रूप में फैल चुका है। अगर इस प्रकार से बढ़ रहे वायु प्रदूषण को ना रोका गया तो मानव जीवन के साथ साथ अन्य जीवों पर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा जिसके बारे में कल्पना करने से भी डर लगता है।

जल प्रदूषण क्या है?

वायु प्रदूषण के कारण क्या है? विस्तार से समझाइए

वायु को प्रदूषित करने वाले पदार्थों को वायु प्रदूषक कहा जाता है। जिन स्थानों पर वायु के प्रदूषको की संख्या अधिक हो जाती है वहा की वायु शुद्ध हो जाती है और विभिन्न प्रकार के रोगों को उत्पन्न करने में बहुत बड़ा योगदान देती है। हमारे लेख वायु प्रदूषण क्या है के अंतर्गत अब हम आपको वायु Pradushan Ke Bare Mein कुछ मुख्य कारण बताने जा रहे हैं अतः इन्हें आप ध्यानपूर्वक पढ़ें –

air-pollution-causes

 

CO2 गैस से वायु प्रदूषण

इस गैस के बारे में लगभग सभी लोग परिचित होते हैं। इसका पूरा नाम कार्बन डाइऑक्साइड होता है। यह एक मुख्य ग्रीनहाउस गैस है जो वायु प्रदूषण में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह गैस ईंधन के जलने से उत्पन्न होती है या यूं कहें कि हाइड्रोकार्बन के दहन से CO2 गैस उत्पन्न होती है। वायुमंडल में यह गैस बहुत कम मात्रा में होने के कारण भी वायु प्रदूषण करने में काफी सक्षम रहती है।

CO गैस से वायु प्रदूषण

इस गैस का पूरा नाम कार्बन मोनोऑक्साइड होता है जो हाइड्रोकार्बन के अल्प दहन से उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त लकड़ी, पेट्रोल, डीजल आदि के जलने से CO उत्पन्न होती है। सिगरेट पीने से यह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस इंसान के फेफड़ों में चली जाती है जो कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी कर देती है और फिर दम घुटने जैसा महसूस होने लगता है।

निलंबित कणों से वायु प्रदूषण

यह कुछ विशेष प्रकार के कारण होते हैं जो हवा में मौजूद रहते हैं। इस प्रकार के कण धुएं के रूप में, धूल के कणों के रूप में वायुमंडल में बिखरे रहते हैं जो हमारे फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं और हमे सांस संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।

चिमनियो से निकलने वाला धुआं

विभिन्न प्रकार के उद्योगों में बड़ी-बड़ी चिमनियाँ लगी होती है, जिनसे बहुत हानिकारक धुआ निकलता है। यह सीधा वायुमंडल में जाकर मिल जाता है और कई प्रकार की बीमारियों को उत्पन्न करता है।

इसके अतिरिक्त वाहनों से निकलने वाले धुएं में मुख्यता कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड जैसी गैसे होती हैं जो कि मानव जीवन के लिए काफी हानिकारक साबित होती हैं।

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव क्या होते हैं?

इस प्रदूषण के काफी हानिकारक दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। इन सभी दुष्प्रभाव के बारे में आपको हमारे आर्टिकल वायु प्रदूषण क्या है में सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। इससे होने वाले दुष्प्रभाव निम्न प्रकार हैं –

  • वायु प्रदूषण से सांस संबंधी कई समस्याएं हो जाती हैं। अस्थमा जैसी बीमारियां लोगों में देखने को मिलते हैं।
  • वायु प्रदूषण के कारण कुछ लोगों में सांस फूलने की समस्या भी देखने को मिलती हैं।
  • कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस फेफड़ों में पहुंचकर शरीर में ऑक्सीजन की कमी उत्पन्न कर देती है।
  • वायु प्रदूषण की वजह से ही ओजोन परत में क्षय हो रहा है, जिस कारण सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आकर मनुष्य में त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न करती हैं।
  • इस प्रदूषण के अधिक प्रभाव के कारण बच्चों में ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं।
  • यह वायु प्रदूषण, मनुष्य के श्वसन तंत्र पर सीधा प्रभाव डालता है जिससे आगे चलकर मनुष्य के फेफड़ों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

वायु प्रदूषण के बचाव के उपाय समझाइए

हमारे इस महत्वपूर्ण लेख वायु प्रदूषण क्या है मैं अब तक आपने जाने की वही फिर उधर किसे कहते हैं और इस को उत्पन्न करने के मुख्य कारण कौन से हैं अब हम वायु प्रदूषण को रोकने के कुछ उपायों के बारे में चर्चा कर लेते हैं –

वायु प्रदूषण से बचाव

  • वायु प्रदूषण के बचाव के लिए सर्वप्रथम वाहनों से निकलने वाले हानिकारक धुएं को कम करना होगा।
  • बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में लगी चिमनी से निकलने वाले धुएं को सर्वप्रथम काफी हद तक हानिकारक पदार्थ रहित किया जाए जिससे कि उनमें उपस्थित हानिकारक पदार्थ चिमनी में ही शेष रह जाएं और बिना हानिकारक धुएं को बाहर भेजा जा सके।
  • वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वृक्षारोपण करना बहुत आवश्यक है क्योंकि वृक्ष हमारे वायुमंडल की हवा को साफ करने का कार्य करते हैं।
  • घरों में चल रहे एसी और फ्रिज को बिना काम के ना चलने दिया था। जब आवश्यकता हो तभी उन्हें चलाएं। ऐसा करने से इन उपकरणों से निकलने वाली हानिकारक गैसो की संद्रता में कमी आयेगी और वायु प्रदूषण कम होगा।
  • औद्योगिक क्षेत्र वाले इलाके में जाते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें। ऐसा करने से जहरीली गैसों से आप बच सकते हैं।
  • सरकार द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए योजनाएं चलाई जानी चाहिए और इसमें भाग लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए।

प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है?

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिक्ल मे हमने आपको वायु प्रदूषण से जुड़ी सभी प्रश्नो के बारे मे बात की। आशा करता हूँ की आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि अब भी आपका कोई प्रश्न हो तो कृपया कॉमेंट बॉक्स मे अवश्य पूछें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *