प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है इसका रासायनिक सूत्र, उपयोग, और गुण बताइए
नमस्कार साथियों रसायन विज्ञान के एक नए आर्टिकल प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है में आपका हार्दिक अभिनंदन है। प्लास्टर ऑफ पेरिस एक बहुत महत्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है जिसके बारे में हमारे रसायन विज्ञान के पाठ्यक्रम में बताया जाता है। इस पदार्थ का प्रयोग लगभग सभी प्रकार की इमारतों में किसी ना किसी रूप में किया जाता रहा है। आप सोच रहे होंगे कि इसको प्लास्टर ऑफ पेरिस क्यों कहा जाता है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जिस पदार्थ से बनता है उसे हम जिप्सम कहते हैं, जो कि मुख्य रूप से पेरिस में पाया जाता है।
आज का लेख रसायन विज्ञान के छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि उनके पाठ्यक्रम में प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रश्न जैसे कि Plaster of Paris in Hindi क्या है, Plaster of Paris ka Rasayanik Naam, प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र कैसे लिखा जाता है, प्लास्टर ऑफ पेरिस कितने प्रकार का होता है, प्लास्टर ऑफ पेरिस कैसे बनाया जाता है, प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग आदि हमने आज अपनी चर्चा में शामिल किए हैं।
प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है? Plaster Of Paris in Hindi
इसे पेरिस प्लास्टर भी कहा जाता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र CaSO₄.½H₂O होता है। इसमें पानी मिक्स करने के फलस्वरूप जिप्सम प्राप्त होता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम कैलशियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट होता है। इसका अणु सूत्र देखने से पता लगता है कि इसमें आधा अणु हाइड्रोजन ऑक्साइड अर्थात जल का होता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस को short form में POP कहा जाता है। आइए अब इस POP कुछ महत्वपूर्ण गुणों की बात कर लेते हैं जैसे बाकी पदार्थों से अलग बनाते हैं।
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र = CaSO₄.½H₂O
प्लास्टर ऑफ पेरिस के मुख्य गुण क्या हैं?
अपने आर्टिकल प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है के इस पैराग्राफ के अंतर्गत अब हम आपको इसके कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं बताने जा रहे हैं, जो कंपटीशन एग्जाम के पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत इंपोर्टेंट है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं
- प्लास्टर ऑफ पेरिस में रसायनिक रूप से कैल्शियम और सल्फेट पाया जाता है, जो घरों की दीवारों तथा छतों पर प्लास्टर के काम आता है।
- यह सफेद कलर का पदार्थ होता है तथा पाउडर की फॉर्म में पाया जाता है।
- जैसे ही प्लास्टर ऑफ पेरिस को पानी के साथ मिक्स करते हैं यह कुछ देर में काफी हार्ड हो जाता है और एक अच्छी मजबूती देता है।
- इसकी रासायनिक अभिक्रिया को तेज करने के लिए हम इसमें सोडियम क्लोराइड अर्थात NaCl मिला देते हैं।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस की रासायनिक अभिक्रिया और मजबूत पकड़ को कमजोर बनाने के लिए इसमें एलुमिनियम या बोरेक्स का इस्तेमाल करते हैं।
- इसको हम अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी प्रकार से मोल्डिंग अर्थात कोई भी आकार दे सकते हैं।
- यदि इसको काफी गर्म कर दें और पूरी तरह से जला दें तो प्राप्त चूर्ण को dead burnt plaster कहा जाता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग बताएं –
यह एक बहुत महत्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है जो कई तरीके से प्रयोग किया जाता है इनमें से कुछ तरीके बहुत महत्वपूर्ण है जो हमने अपनी आर्टिकल प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है में नीचे व्यक्त किए हैं। यदि आप केमिस्ट्री के छात्र हैं तो आपके लिए यह उपयोग बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे। उपयोग निम्न प्रकार हैं –
- प्लास्टर ऑफ पेरिस का एक महत्वपूर्ण उपयोगिता यह है की इसका इस्तेमाल हम अपने घरों में दीवारों और छत पर डिजाइन बनाने के लिए प्रयोग करते हैं।
- विभिन्न प्रकार की सुंदर पेंटिंग और चित्रकारी में Plaster of Paris का इस्तेमाल किया जाता है।
- इमारतों में इसका इस्तेमाल कई प्रकार की paintings को दीवार पर माउंट करने के लिए किया जाता है।
- हॉस्पिटल्स या शव ग्रह में dead bodies के कटे फटे भागो को दोबारा माउंट करने के लिए किया जाता है।
- Fracture होने पर हड्डियों के ज्वाइंट को जोड़ने के लिए इस Plaster of Paris का ही इस्तेमाल किया जाता है।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के Mould और Prototype बनाने में उपयोगी होता है।
- POP अर्थात Plaster of Paris की सहायता से Dentition के क्षेत्र में दांतो के सैंपल बनाने और टिश्यू के सैंपल तैयार किए जाते हैं।
- इसके द्वारा कई प्रकार से ऐसे प्रोडक्ट बनाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल Fireproofing में किया जाता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस कैसे बनाया जाता है?
Plaster of Paris बनाने की सबसे सरल विधि को हम आपको यहां पर समझाने का प्रयत्न करेंगे। चलिए अब जान लेते हैं इसे कैसे बनाया जाता है –
विधि
इसके निर्माण के लिए जिप्सम को हम गर्म करते है अर्थात लगभग 1000 से 1900 डिग्री सेंटीग्रेड तक हम जिप्सम को गर्म करते हैं तो हमे कैलशियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट प्राप्त होता है। आप इसे निम्नलिखित अभिक्रिया से समझ सकते हैं:
CaSO₄·2H₂O + ऊष्मा → CaSO₄·1/2H₂O + 3/2H2O
उपरोक्त अभिक्रिया को देखने से आप यह पता लगा सकते हैं कि जब हम जिप्सम को 1000 से 1900 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म करते हैं, तब इसमें से 3/2 मोल पानी के अलग हो जाते हैं। और हमें जो पदार्थ प्राप्त होता है उसे हम प्लास्टर ऑफ पेरिस अर्थात कैलशियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट कहते हैं। अब यदि आपको दोबारा से जिप्सम प्राप्त करना है तो आप इस प्लास्टर ऑफ पेरिस में पानी मिलाकर दोबारा से जिप्सम प्राप्त कर सकते हैं।
Plaster of Paris को कितने प्रकार में बांटा गया है?
अपने आर्टिकल के अंतिम पड़ाव में अब हम संक्षेप में यह जानेंगे कि प्लास्टर ऑफ पेरिस कितने प्रकार का होता है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें की प्लास्टर ऑफ पेरिस निम्नलिखित कई भागों में बांटा गया है। जिनके नाम हमने अपने आर्टिकल प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है में नीचे बताएं हैं –
- Gypsum Plaster (इसको पेरिस का प्लास्टर भी कहा जाता है।)
- चूना प्लास्टर (इसे Lime प्लास्टर के नाम से जाना जाता है।)
- सीमेंट प्लास्टर (यह प्लास्टर काफी मजबूत होता है जो दीवारों में ईंटों की चुनाव के लिए प्रयोग किया जाता है)
- ऊष्मा रोधी प्लास्टर (इस प्रकार के प्लास्टर का इस्तेमाल होता था चीनियों को बनाने में प्रयोग किया जाता है यह बहुत अधिक ताप को भी सहन कर सकता है)
निष्कर्ष
हमारे आज के आर्टिकल प्लास्टर ऑफ पेरिस क्या है का निष्कर्ष यही है कि आपने आज जाना की प्लास्टर ऑफ पेरिस के मुख्य विशेषताएं कौन सी है, Plaster of Paris Ka Rasayanik Naam क्या है, प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र क्या होता है। विज्ञान के छात्रों के लिए यह प्रश्न अति महत्वपूर्ण है यदि किसी भी स्टूडेंट का कोई भी प्रश्न प्लास्टर ऑफ पेरिस से संबंधित शेष रह गया हो तो वह कमेंट सेक्शन में बेझिझक हम से पूछ सकते हैं।
बहुत ही अच्छे ढंग से बताया है आपने।