बफर विलयन किसे कहते हैं इसके उपयोग तथा महत्व उदाहरण सहित लिखिए

बफर विलयन किसे कहते हैं
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आज के इस आर्टिकल में हम आपको बफर विलयन किसे कहते हैं? बफर विलयन कितने प्रकार के होते हैं बफर विलयन के उपयोग तथा उदाहरण क्या हैं इसके बारे में विस्तार के साथ बताएँगे।  बफर विलयन किसे कहते हैं? यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री से संबंधित सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए क्योंकि इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में अक्सर परीक्षाओं में पूछ लिया जाता है।

इस आर्टिकल से पहले आर्टिकल में हमने आपको हाइड्रोजन बंध क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया। यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है यदि आपने अभी तक हाइड्रोजन बंध क्या है? इसके बारे में नहीं पड़ा है तो आप हमारी इस वेबसाइट से इस टॉपिक के बारे में पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बफर विलयन किसे कहते हैं? इसके प्रकार क्या हैं और इसके उदाहरण कौन कौन से इसके बारे में बताने वाले हैं। तो बिना किसी देरी के आइए जानते हैं बफर विलयन किसे कहते हैं? इसके बारे में।

बफर विलयन किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए

वह विलियन जिसमें अम्ल और क्षार की अल्प मात्रा मिलाने पर विलियन के pH मान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बफर विलयन कहलाता है। अथवा बाहर बिलियन बिलियन होते हैं जिन्हें तनु यानी पतला करने पर या जिनमें अम्ल या क्षार की अन्य मात्रा मिलाने पर pH मान में कोई अंतर नहीं पड़ता है ऐसे विलियन को बफर विलियन के नाम से जाना जाता है। यदि हम इसे दूसरे शब्दों में समझें तो बफर बिलियन वे विलयन होते हैं जिनका pH मान निश्चित होता है, जिनके रखे रहने से या जिनमें पानी मिलाने से कोई अंतर नहीं पड़ता है। इसमें आज तो मात्रा में अम्ल यह क्षार मिलाने पर भी pH  में अंतर बिल्कुल नगण्य होता है। उदाहरण के लिए CH3COOH तथा CH3COONHका विलयन बफर विलयन है।

बफर विलियन के प्रकार

इससे ऊपर के लेख में हमने आपको बफर विलयन किसे कहते हैं इसके बारे में बताया है अब हम आपको बफर विलयन के प्रकार के बारे में बताएंगे। यदि आप बफर विलयन के प्रकार के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि बफर विलयन दो प्रकार का होता है।

  1. क्षारीय बफर विलयन
  2. अम्लीय बफर विलयन

क्षारीय बफर विलयन

दुर्बल क्षार और दुर्बल क्षार के प्रबल अम्ल के साथ क्रिया करने से बने लवण के मिश्रण को क्षारीय बफर विलयन कहते हैं। उदाहरण के लिए NH4OH और NH4Cl का विलयन एक क्षारीय बफर विलयन होता है।

अम्लीय बफर विलयन

दुर्बल अम्ल और उस दुर्बल अम्ल की प्रबल क्षार से क्रिया के फलस्वरूप बने लवण का जो मिश्रण होता है उसे अम्लीय बफर विलयन कहते हैं। उदाहरण के लिए एसिटिक अम्ल व सोडियम एसीटेट, इसके अलावा कुछ बफर विलयन निम्नलिखित है।

  •  दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षार के के बने लवण का मिश्रण। उदाहरण – CH3COOH और CH3COONHका विलयन।
  • किसी बहुक्षारीय दुर्बल अम्ल के अम्लीय लवण और सामान्य लवण का विलयन। उदाहरण – KH2PO4 तथा K3PO4 का विलयन।
बफर कितने प्रकार के होते हैं
बफर कितने प्रकार के होते हैं

अम्लीय बफर विलयन की क्रियाविधि

ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको बफर विलयन किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए, बफर विलयन के प्रकार अम्लीय बफर विलयन और क्षारीय बफर विलयन के बारे में बताया है। अब हम आपको अम्लीय बफर विलयन की क्रियाविधि के बारे में बताएँगे।

अम्लीय वफर विलयन की बफर क्रिया की क्रियाविधि को CH3COOH और CH3COONa के उदारण से समझ सकते हैं। CH3COONa एक प्रकार का प्रबल विद्युत अपघट्य होता है। जिसका आयनन अधिक मात्रा में होता है जबकि CH3COOH एक दुर्बल विद्युत अपघट्य होता है जिसका आयनन कम मात्रा में होता है।

CH3COONa <———–> CH3COO– + Na

CH3COOH <———–> CH3COO– + H+

इस प्रकार के विलयन में कम मात्रा में HCl मिलाने पर HCl के आयनन से प्राप्त H+ CH3COOH के आयनन से प्राप्त CH3COOH से संयुक्त होकर CH3COOH बनाता है जिससे इस विलयन में हाइड्रोजन आयन के सांद्रता एक सामान बनी रहती है और विलयन के pH मान में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

HCl ——— H+ + Cl

H+ CH3COO<————-> CH3COOH

इस विलयन में बहुत कम मात्रा में NaOH मिलाने पर NaOH के आयनन से प्राप्त OH , CH3COOH के आयनन से प्राप्त Hसे संयोग करके जल बनाते हैं जोकि एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है जिससे विलयन में OH– की सांद्रता पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ता है और विलयन का जो pH मान एक समान बना रहता है।

NaOH <———-> Na+ + OH 

OH  +  H+ <———-> H2O

हिंदी में बफर परिभाषा

बफर विलयन के गुण

ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको बफर विलयन किसे कहते हैं? बफर कितने प्रकार के होते हैं? अम्लीय बफर विलयन की क्रियाविधि के बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको बफर विलयन के गुण के बारे में बताते हैं। बफर विलयन के गुण निम्नलिखित हैं।

बफर विलयन उसमे डाले गए अम्ल या क्षार के प्रभाव को ख़त्म कर देता है। जिस कारण उसका pH मन स्थिर रहता है।

  • बफर विलयन की अम्लता या क्षराकता अरक्षित रहती है।
  • बफर विलयन अपने pH मान में परिवर्तन का विरोध करता है इसलिए इसे प्रतिरोधी विलयन भी कहते हैं।

अक्सर पूछे गए प्रश्न (Frequently Asked Questions)

प्रश्न – बफर विलयन का पीएच (pH) मान क्या होता है?

उत्तर – वह विलियन जिस विलयन में अम्ल और क्षार की बहुत कम मात्रा मिलाने पर विलियन के पीएच (pH)  मान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बफर विलयन कहलाता है। इस विलयन का pH मन 7 से कम होता है।

प्रश्न – बफर विलयन कितने प्रकार का होता है?

उत्तर – यदि हम बात करें बफर विलयन की तो हम आपको बता दें कि बफर विलयन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। अम्लीय बफर विलयन और क्षारीय बफर विलयन।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बफर विलयन किसे कहते हैं? बफर विलयन कितने प्रकार के होते हैं बफर विलयन के गुण तथा उदाहरण क्या हैं इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है।  बफर विलयन किसे कहते हैं? यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसी प्रकार के केमिस्ट्री से सम्बंधित आर्टिकल की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते हैं। इसी प्रकार की केमिस्ट्री की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए “hindichemistry.com” वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

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