अकार्बनिक रसायन किसे कहते हैं? What is Inorganic Chemistry in Hindi

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रसायन विज्ञान, विज्ञान का एक ऐसा भाग है जिसके अंतर्गत हम रसायनों से संबंधित बातों का अध्ययन करते हैं। पृथ्वी पर जितने भी पदार्थ पाए जाते हैं वह किसी ना किसी रूप में रसायन ही होते हैं। रसायन विज्ञान को भी तीन भागों में बांटा गया है – कार्बनिक रसायन, अकार्बनिक रसायन तथा भौतिक रसायन। इस आर्टिकल Inorganic Chemistry in Hindi में आज इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री अर्थात अकार्बनिक रसायन पर विस्तार से बात करेंगे।

अकार्बनिक रसायन की परिभाषा एवम अकार्बनिक पदार्थों के बारे में विस्तृत रूप से नीचे समझाया गया है। इसके साथ ही अकार्बनिक अभिक्रियाओं के वर्गीकरण पर भी प्रकाश डाला गया है। क्या अंतर होता है अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन में विस्तृत रूप से जानने के लिए Inorganic Chemistry in Hindi को पूर्ण रूप एवम गहनता से पढ़े जिससे की आपका कोई भी संदेह बाकी न रह जाए।

अकार्बनिक रसायन किसे कहते हैं? What is Inorganic Chemistry in Hindi

रसायन विज्ञान की वह शाखा अकार्बनिक रसायन कहलाती है जिसके अंतर्गत हम धातु तथा अधातु को विस्तार से अध्ययन करते हैं तथा उनके गुणों एवं उपयोगों को गहनता से जानते हैं। अर्थात हम यह कह सकते हैं कि अकार्बनिक रसायन, रसायन विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत हम धातुओं और अधातुओं की प्रतिक्रिया, गुणों  और उपयोगों  का अध्यन करते हैं। इसे इंग्लिश में Inorganic chemistry कहते हैं।

कार्बनिक रसायन के अंतर्गत हम जन पदार्थों का अध्ययन करते हैं उन्हें अकार्बनिक पदार्थ कहते हैं। एक डाटा के मुताबिक लगभग अब तक 100000 ज्ञात अकार्बनिक पदार्थ मौजूद है। जबकि कार्बनिक पदार्थों की संख्या कई लाखो में है।

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रसायन विज्ञान किसे कहते हैं?

अकार्बनिक योगिक किसे कहते हैं? What are inorganic Compounds?

कार्बनिक पदार्थों को छोड़कर बाकी सब अकार्बनिक पदार्थ से अकार्बनिक योगिक कहलाते हैं। परंतु यहां पर कुछ अपवाद देखने को भी मिलते हैं जैसे कि कार्बन मोनोऑक्साइड में कार्बन पाया जाता है परंतु यह कार्बनिक पदार्थ नहीं है अर्थात अकार्बनिक पदार्थ के अंदर आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कार्बन मोनोऑक्साइड की विशेषताएं कार्बनिक पदार्थों से मेल नहीं खाती हैं। इस तरह के कुछ अन्य उदाहरण जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, साइनाइड, थायो सायनेट, कार्बोनेट आदि है। यहां पर एक रोचक बात यह है कि कुछ कार्बनिक पदार्थ ऐसे भी हैं जिनमें कार्बन और हाइड्रोजन के मध्य कोई बंध नहीं होता है जो कि इस प्रकार हैं – कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4) और यूरिया (CH₄N₂O)। इस आर्टिकल Inorganic Chemistry in Hindi के अगले चरण में अकार्बनिक रसायन की अभिक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है।

अकार्बनिक रसायन की अभीक्रियाओं का वर्गीकरण – Classification of reactions in inorganic Chemistry

इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री की विभिन्न अभिक्रिया को मुख्यता चार भागों में बांटा गया है। जो कि निम्न प्रकार हैं –

उदासीनीकरण या सिथिलीकरण अभिक्रिया –

वह अभिक्रिया जिसमें अम्ल और क्षार के अणु आपस में मिलकर लवण और जल का निर्माण करते हैं, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है। इस अभिक्रिया में कुछ ऊर्जा भी निकलती है।

उदाहरण के लिए – यदि हम HCl और NaOH को आपस में मिलाएं तो नमक और जल का निर्माण होता है।

अपचयन अभिक्रिया –

जब किसी अभिक्रिया में किसी अणु से हाइड्रोजन जुड़ जाता है या ऑक्सीजन निकल जाता है, तो उस अणु या धातु या अधातू की ऑक्सीकरण अवस्था में कमी आ जाती है जिससे उसका उस पदार्थ का अपचयन हो जाता है और इस अभिक्रिया को अपचयन अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण के लिए – कॉपर के ऑक्साइड में हाइड्रोजन गैस मिलाने पर कॉपर और जल अलग हो जाता है। यहां पर कॉपर अपनी दो ऑक्सीकरण अवस्था से जीरो अवस्था में आ जाता है। जिसे कॉपर का अपचायित होना कहते है।

अवक्षेपण अभिक्रिया –

इन अभिक्रिया में दो पदार्थ आपस में अभिक्रिया करके एक ठोस अवक्षेपित पदार्थ का निर्माण करते हैं जो जल में अविलय होता है। ऐसे अभिक्रियाओं को अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण के लिए – जब सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड के जलीय विलयन को आपस में मिलाया जाता है तब सोडियम क्लोराइड और बेरियम सल्फेट प्राप्त होता है। परंतु यहां पर बेरियम सल्फेट एक अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है जोकि जल में घुलनशील नहीं होता है।

उपचयन अभिक्रिया –

जब किसी अभिक्रिया में किसी पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था में वृद्धि होती है तो उस पदार्थ का ऑक्सीकरण हो जाता है। तथा इसी प्रकार की अभिक्रिया को ऑक्सीकरण या उपचयन अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण के लिए – जब कैल्शियम की अभिक्रिया ऑक्सीजन से कराई जाती है तो कैल्शियम की ऑक्सीकरण अवस्था में दो की वृद्धि होती है। अतः यह एक उपचयन या ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहलाती है।

अकार्बनिक-रसायन-की-अभीक्रियाओं-का-वर्गीकरण

कार्बनिक तथा अकार्बनिक रसायन में अंतर – Difference between organic and inorganic chemistry in Hindi

  • कार्बनिक पदार्थों की तुलना में अकार्बनिक पदार्थ जल में घुलनशील होते हैं। कार्बनिक पदार्थ कार्बनिक विलायकों में अधिक घुलनशील होते हैं।
  • कार्बनिक पदार्थ विद्युत धारा और ऊष्मा के अच्छे सुचालक नहीं होते हैं वहीं अगर बात की जाए अकार्बनिक पदार्थों की तो यह विद्युत धारा और ऊष्मा के अच्छे सुचालक होते हैं।
  • कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के मध्य बंध पाया जाता है, जो कि कार्बनिक यौगिकों की विशेषता होती है परंतु अकार्बनिक पदार्थों में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता है।
  • अकार्बनिक पदार्थों में पदार्थ एक छोटी से अणु के रूप में होते हैं वही कार्बनिक पदार्थ कई लंबी श्रृंखलाओं में भी पाए जाते हैं
  • कार्बनिक यौगिकों की तुलना में अकार्बनिक पदार्थ अधिक क्रियाशील होते हैं एवं जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं।
  • कार्बनिक यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक दिन में होते हैं इन की अपेक्षा अकार्बनिक पदार्थों के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं।
  • कार्बनिक पदार्थों को वनस्पति, जीवो तथा जंतुओं से प्राप्त किया जाता है, वहीं दूसरी ओर अकार्बनिक पदार्थों का स्रोत खनिज लवण तथा प्रयोगशाला होता है।
  • कार्बनिक रसायन में कार्बनिक पदार्थ सह संयोजक बंध द्वारा बंधे होते हैं तथा यह बहुत कम ही आयनित हो पाते हैं। परंतु अकार्बनिक रसायन में अकार्बनिक पदार्थ विद्युत संयोजी बल के द्वारा बंधे होते हैं जो बहुत जल्दी अयनित हो जाते हैं।
  • कार्बनिक रसायन में पदार्थों के मध्य समावव्यता देखने को मिलती है, अर्थात एक अनुसूत्र एक से अधिक रसायनों को प्रदर्शित कर सकता है। परंतु अकार्बनिक पदार्थों में यह गुण नही पाया जाता है।

अकार्बनिक रसायन के अनुप्रयोग Application of Inorganic Chemistry

  • दैनिक जीवन में प्रोयोग होने वाला नमक अकार्बनिक रसायन का सबसे बेहतर अनुप्रोयोग है।
  • विद्युत उपकरण बनाने के लिए सिलिकॉन तथा जर्मेनियम का प्रयोग किया जाता है।
  • बेकिंग सोडा और धावन सोडा अकार्बनिक रसायन की ही देन है।
  • जीव जंतुओं के शरीर में पाए जाने वाले आवश्यक खनिजों में अकार्बनिक पदार्थ ही होते हैं।
  • ये पदार्थ कार्बनिक योगीको की अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक का भी कार्य करते हैं।
  • सिरेमिक इंडस्ट्रीज में बहुत सारे अकार्बनिक पदार्थ देखने को मिलते हैं।

कार्बनिक रसायन किसे कहते हैं?

निष्कर्ष

आज के इस लेख मे हमने जाना कि अकार्बनिक रसायन मे उपस्थित और इसके अंतर्गत आने वाली क्रियाएँ जैसे उपचयन, अव्छेपण, उदासीनिकर्ण अभिक्रिया आदि। इसके साथ साथ इसका उपयोग कहाँ कहाँ किया जाता है? इसके अंतर्गत आने वाले कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन मे अंतर को दर्शाया। आशा करता हूँ की दोस्तों यह आपको अच्छा लगा होगा। किसी भी प्रश्न या सुझाओ को कॉमेंट करना न भूलें।

 

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