अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? परिभाषा, सूत्र तथा हानिकारक प्रभाव

अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं
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पिछले आर्टिकल में हमने आपको रेडियोधर्मी प्रदूषण क्या है? इसके बारे में बताया। जो एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। यदि आपने अभी तक हमारा यह टॉपिक नहीं पढ़ा है तो आप हमारी इस वेबसाइट से इस टॉपिक को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? अम्लीय वर्षा की परभाषा क्या होती है? अम्लीय वर्षा का सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं। इसके साथ साथ हम आपको अम्लीय वर्षा के हानिकारक प्रभाव कौन कौन से होते हैं इसके बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं।

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अम्लीय वर्षा की परिभाषा (अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं?)

विभिन्न प्रकार के उद्योंगो तथा वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें जैसे- सल्फर डाईऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NO, NO2) आदि वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल का निर्माण करते हैं और गंधक व तेजाब बन जाता है।  जो वर्षा के जल साथ जमीन पर आ जाते हैं। इसे ही अम्लीय वर्षा कहते हैं। यह वर्षा प्राकृतिक रूप से अम्लीय होती है। जो वायु प्रदूषण का विनाशकारी प्रभाव होती है। यह अम्लीय वर्षा होती है तब ये वायुमंडलीय प्रदूषक जल मिट्टी, वनस्पति या जलाषयों में संचित हो जाते हैं। अम्लीय वर्षा को सर्वप्रथम रॉबर्ट एंगस स्मिथ ने परिभाषित किया था।

उद्योगों, मोटर गाडियों से निकलने वाले धुंए में नाइट्रोजन व सल्फर के ऑक्साइड होते हैं। जो वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प से क्रिया करके विभिन्न प्रकार के अम्ल नाइट्रिक अम्ल व सल्फ्यूरिक अम्ल बनाते हैं। जो वर्षा के जल के साथ मिलकर वाष्पित हो जाते हैं। और जब वर्षा होती है तो ये वर्षा के जल के साथ मिलकर धरती पर बरसते हैं इसे ही हम अम्लीय वर्षा के नाम से जानते हैं। वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाता है। अम्लीय वर्षा प्रदूषण इकाईयों के अंतर्गत आती है। जब ये वर्षो होती है तो मिट्टी का संगठन, उर्वरता नष्ट हो जाती है। मिट्टी के अन्दर उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। और भूमि बंजर हो जाती है। ये वर्षा जलीय जीवन को नष्ट करती है। पौधों के ऑक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता को नष्ट करती है। पौधों के द्वारा ऑक्सीजन उत्पन्न करने की जो क्षमता होती है ये उस क्षमता को नष्ट कर देती है। यह वर्षा प्राणियों के लिए भी खतरनाक साबित होती है।

अम्लीय वर्षा की परिभाषा

अम्लीय वर्षा के कारण

इससे ऊपर के लेख में हमने आपको अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? अम्लीय वर्षा की परिभाषा क्या होती है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको अम्लीय वर्षा के क्या कारण होते हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताते हैं। अम्लीय वर्षा के कारण निम्नलिखित हैं।

  • अधिक मात्रा में पाए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र जहाँ जीवाश्म ईंधन, कोयले और अन्य ईंधन के जलने से बढ़े विजली पैदा करने वाले संयंत्र हैं। जो अम्लीय वर्षा को जनरेट करते हैं। अर्थात जिनके कारण हानिकारक पदार्थ वातावरण में मिल जाते हैं।
  • उद्योगों वाहनों तथा ताप बिजलीघरों से निकले नाइट्रोजन व सल्फ़र के ऑक्साइड वायुमंडल में सम्मिलित होते रहते हैं। ये ऑक्साइड जलवाष्प व वर्षा के जल में मिलकर अम्लीय वर्षा को बढ़ावा देते है। पानी की इस प्रकार की वर्षा जिसमे अम्लता ज्यादा होती है। अम्लीय वर्षा कहलाती है।

अम्लीय वर्षा का सूत्र

इससे ऊपर के लेख में हमने आपको अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? अम्लीय वर्षा की परिभाषा क्या होती है? तथा अम्लीय वर्षा के कारण क्या होते हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको अम्लीय वर्षा के सूत्र के वारे में विस्तार के साथ बताते हैं। आइए जानते हैं अम्लीय वर्षा का सूत्र,  अम्लीय वर्षा (acid rain) प्राकृतिक रूप से अम्लीय होती है। क्योंकि पृथ्वी के वायुमंडल में नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड जल के साथ क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल (HNO3) और सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) बनाते हैं। इस प्रकार अम्लीय वर्षा में नाइट्रिक अम्ल (HNO3) व सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) उपस्थित होते हैं। अतः इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अम्लीय वर्षा का सूत्र HNOहोता है।

अम्लीय वर्षा के हानिकारक प्रभाव

अम्लीय वर्षा के हानिकारक प्रभाव निम्लिखित हैं।

  1. अम्लीय वर्षा के कारण अनेक देशो में वनों का क्षेत्र नाश होता जा रहा है।
  2. अम्लीय वर्षा का ज्यादातर प्रभाव वनस्पतियों पर दिखायी देता है। इसके प्रभाव से वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं। पत्तों के रंग में परवर्तन आ जाता है व वृक्षों की वृद्धि सीमित हो जाती है। प्रजनन में कमी आ जाती है।
  3. अम्लीय वर्षा के प्रभाव से जलीय जीव जैसे मछलीयां, शैवाल तथा अन्य जलीय जीव नष्ट हो रहे हैं।
  4. अम्लीय वर्षा के कारण मिट्टी अम्लीय हो जाती है। जिसके कारण मिट्टी की उपजाऊ क्षमता काफी कम हो जाती है।
  5. अम्लीय वर्षा के कारण वस्तुओं के रंग उड़ जाते हैं। जिससे वस्तुओं को क्षति पहुचती है। अम्लीय वर्षा के कारण ही ताज महल, लाल किला, मोती मस्जिद, आगरा व ग्वालियर का किला आदि की सुन्दरता नष्ट होती जा रही है।

अम्लीय वर्षा के हानिकारक प्रभाव

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? अम्लीय वर्षा की परिभाषा क्या होती है? तथा अम्लीय वर्षा का सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको अम्लीय वर्षा के क्या कारण होते हैं? व अम्लीय वर्षा के हानिकारक प्रभाव कौन से होते हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसी प्रकार के महतवपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

 

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