बहुलक किसे कहते हैं? परिभाषा, सूत्र, वर्गीकरण और उदहारण

बहुलक किसे कहते हैं
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पिछले आर्टिकल में हमने आपको क्लोरोफॉर्म का सूत्र क्या है? इसके गुण उपयोग व बनाने की विधि के बारे में विस्तार के साथ बताया। यह एक बहुत महत्वपूर्णटॉपिक है जिसके बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। यदि आपने अभी तक इस टॉपिक को नहीं पढ़ा है तो आप हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट से इस महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बहुलक बहुलक क्या होता है? बहुलक की परिभाषाक्या होती है? तथा इसका सूत्र क्या होता है? इसके बारे में बताने वाले हैं इसके साथ साथ हम आपको इसके वर्गीकरण और उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं। बहुलक से सम्बंधित जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि बहुलक से सम्बंधित जानकारी आपको अच्छे से समझ आ सके।

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बहुलक की परिभाषा (बहुलक किसे कहते हैं?)

उच्च अणुभार वाले ऐसे यौगिक जो अनेक छोटी छोटी इकाइयों की पुनरावृत्ति से बनते हैं, बहुलक या पॉलीमर कहलाते हैं तथा यह घटना बहुलीकरण या Polymerization कहलाती है। पॉलीमर (Polymer) एक ग्रीक भाषा का शब्द है। यह दो शब्दों से मिलकर बना होता है Poly का अर्थ होता है Many(बहुत) दोसरा शब्द इसमें है Meros इसका अर्थ होता है Part(भाग) इस प्रकार हम कह सकते हैं जब बहुत सारी इकाइयां आपस में मिलती हैं या जुड़ती हैं या उनकी पुनरावृत्ति होती है तो उनके जुड़ने से जो भी हमें बहुत बढ़ा अणु मिलता है उसका अनुभार भी बहुत अधिक होता है। उसे ही बहुलक कहते हैं। इस बहुत बढ़े अणु के बनने की प्रक्रिया या घटना को बहुलकन या बहुलकीकरण या बहुलीकरण (Polymerization) कहते हैं। पॉलिथीन, नायलोन 6, रबर तथा बैकेलाइट आदि बहुलक के उदाहरण हैं। जिन छोटी छोटी इकाईयों की पुनरावृत्ति से बहुलक का निर्माण होता है उन्हें एकलक इकाई या Monomer कहते हैं।

बहुलक की परिभाषा

बहुलक का सूत्र

(monomer)  n CH2 = CH2 __Red hot tube___> -(CH2 – CH2)-  (Polymer)

(monomer)  nCH2=CH-Cl____बहुलीकरण___> -[CH2 – CHCl]-  (Polymer)

जहाँ n = एकल इकाइयों की संख्या या बहुलीकरण की मात्रा है।

जिन polymer में n = 100 होता है उन्हें Oligomer कहते हैं।

बहुलको का वर्गीकरण

ऊपर के लेख में आपने बहुलक किसे कहते हैं इसके बारे में जाना। अब आप बहुलको के वर्गीकरण के बारे में विस्तार के साथ जानेंगे। बहुलकों का वर्गीकरण 4 प्रकार से किया जाता है। जो निम्नलिखित हैं।

  1. स्त्रोत के आधार पर
  2. संरचना के आधार पर
  3. बहुलीकरण के प्रकार के आधार पर
  4. आण्विक बलों के आधार पर

1. स्त्रोत के आधार पर बहुलाको का वर्गीकरण

स्त्रोत के आधार पर बहुलकों को निम्न तीन प्रकार से वर्गीकृत किया गया है।

  • प्राकृतिक बहुलक
  • संश्लेषित बहुलक
  • अर्द्ध संश्लेषित बहुलक

प्राकृतिक बहुलक- ऐसे बहुलक जो जंतु तथा पादपो में पाए जाते हैं प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं।

उदाहरण- प्रोटीन, सेलुलोस, स्टार्च, प्राकृतिक रबर आदि।

संश्लेषित बहुलक- ऐसे बहुलक जो प्रयोगशाला में संश्लेषित किये जाते हैं अर्थात बनाए जाते हैं संश्लेषित बहुलक कहलाते हैं।

उदाहरण- प्लास्टिक, पॉलिथीन, नायलोन, PVC, बैकेलाईट, संश्लेषित रबर आदि।

अर्द्ध संश्लेषित बहुलक- ये प्राकृतिक बहुलकों में रासायनिक परिवर्तन करके बनाए जाते हैं। इसलिए इन्हें अर्द्ध संश्लेषित बहुलक कहते हैं।

उदाहरण- सेलुलोस एसिटेट तथा सेलुलोस नाइट्रेट, आदि।

संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण

संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण तीन प्रकार का होता है।

  • रेखीय बहुलक
  • शाखित श्रंख्ला बहुलक
  • जालक बहुलक (तिर्यक आबंधित बहुलक)

रेखीय बहुलक- ऐसे बहुलक जिनमें एकल इकाइयाँ आपस में मिलकर एक लम्बी और रेखीय श्रंखला बनाती हैं उन्हें रेखीय बहुलक कहते हैं।

उदाहरण- उच्च घनत्व पॉलिथीन, पॉलिएस्टर तथा नायलोन आदि।

शाखित श्रंख्ला बहुलक- इनकी श्रंखलाओं में शाखाएँ होती हैं जिसके कारण ये संकुलित नहीं हो पाती हैं। अतः इनके गलनांक, घनत्व तथा तनन सामर्थ्य निम्न होते हैं।

उदाहरण- निम्न घनत्व पॉलिथीन (L.D. Polythene), starch तथा ग्लाइकोजन आदि।

तिर्यक आबंधित या जालक बहुलक- इनकी बहुलक श्रंखलाएँ आपस में सह्संयोजी बंध के द्वारा जुड़कर जालक का निर्माण करती हैं। अतः इनके गलनांक, घनन व तनन सामर्थ्य सबसे अधिक होते हैं।

उदाहरण- बैकेलाईट, मैलेमीन, formaldehyde resin आदि।

संश्लेषण के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण

संश्लेषण के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण दो प्रकार से होता है।

  • योगात्मक या श्रंखला वृध्दि बहुलक
  • संघनन या पदवृद्धि बहुलक

योगात्मक या श्रंखला वृध्दि बहुलक- जब द्विबंध या त्रिबंध वाले एकलक अणु आपस में जुड़ते हैं तो योगात्मक बहुलक बनते हैं। इनके बनते समय कोई सरल अणु जैसे HCl, H2O, NH3 आदि नहीं निकलते हैं।

संघनन या पदवृद्धि बहुलक- ऐसे बहुलक जो दो या दो से अधिक क्रियात्मक समूह वाले एकलको से मिलकर बनते हैं संघनन या पदवृद्धि बहुलक कहलाते हैं। क्योंकि इनके बनते समय सरल अणु जैसे H2O, HCl, NH3 आदि निकालते हैं।

आण्विक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण

आण्विक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण चार प्रकार का होता है।

  • प्रत्यास्थ बहुलक
  • रेशेदार बहुलक
  • ताप्सुनम्य बहुलक
  • ताप-दृढ़ बहुलक

प्रत्यास्थ बहुलक- इनकी श्रंखलाओं के बीच दुर्बल अन्तर आण्विक बल कार्य करते हैं अतः इनमे प्रत्यास्थता का गुण उत्पन्न हो जाता है। परन्तु ये गुण इनमे बहुत कम होता है। प्रत्यास्थ बहुलक आक्रिस्टलीय होते हैं।

रेशेदार बहुलक- इनके बीच लगने वाला अंतर आण्विक आकर्षण बल, हाइड्रोजन बंध या द्विध्रुव – द्विध्रुव होता है। इनके रेशे बनाए जाते हैं।

उदाहरण- नायलोन 6 , डेक्रोंन आदि।

ताप्सुनम्य बहुलक- ये बहुलक गर्म करने पर मुलायम हो जाते हैं। तथा ठंडा करने पर पुनः कठोर हो जाते हैं।

उदाहरण- पॉलिथीन, पोलिस्टाइरीन, PVC आदि।

ताप-दृढ़ बहुलक- यह गरम करने पर कठोर, अज्वलनशील, अगलनीय तथा अघुलनशील पदार्थ में बदल जाते हैं। इसलिए इन्हें ताप-दृढ़ बहुलक कहते हैं।

उदाहरण- बैकेलाईट, Urea formaldehyde, मैलेमीन आदि।

बहुलको का वर्गीकरण

वियोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं?

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बहुलक किसे कहते हैं? बहुलक की परिभाषा क्या होती है? बहुलक निकालने का सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है तथा इसके साथ साथ हम आपको बहुलक का वर्गीकरण और इसके उदाहरण के बारे में बताया है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस टॉपिक से सम्बंधित प्रश्न कई बार परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं। इसी प्रकार के केमिस्ट्री से सम्बंधित अन्य टॉपिक की जानकारी हम अपनी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार की केमिस्ट्री से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

 

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