ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र क्या है, ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका हमारे केमिस्ट्री के इस नए आर्टिकल ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र में। आपने सामान्यता यह जरूर सुना होगा की bleaching powder kya hai और यदि आप विज्ञान वर्ग के छात्र है तो आप उसके बारे में कुछ और भी जानते होंगे। परंतु यदि आपको इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम अपने इस लेख में आपको ब्लीचिंग पाउडर के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। आपको बस हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक पढ़ना है जिससे कि आपके सभी प्रश्नों का उत्तर आपको भली-भांति मिल पाए।
आज हम जिन प्रश्नों को अपने इस महत्वपूर्ण लेट में बताने जा रहे हैं बे कुछ इस प्रकार है कि ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र, bleaching powder ka sutra और ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि लिखिए, ब्लीचिंग पाउडर उपयोग बताइए आदि। साथ ही हमने यह भी बताया है कि ब्लीचिंग पाउडर के औद्योगिक निर्माण में कौन सी विधियां प्रयोग की जाती हैं। यदि देखा जाए तो यह लेख छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अतः आप इस लेख को पूरा पढ़ कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।
ब्लीचिंग पाउडर क्या है और ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र क्या है?
bleaching पाउडर एक ठोस पदार्थ होता है जो विरंजक क्रिया के कार्य में प्रयोग किया जाता है। इसे विरंजक चूर्ण भी कहा जाता है। अगर बात की जाए इसके रंग की तो यह पीले रंग का होता है। इस पाउडर में क्लोरीन की तेज गंध आती है। ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र Ca(OCl)2 होता है। और इसका रासायनिक नाम (chemical name of bleaching powder) कैल्शियम हाइपोक्लोराइट होता है।
ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधियां
विरंजक चूर्ण को कई विधियों के द्वारा बनाया जाता है जिसमें एक प्रयोगशाला विधि होती है। जब विरंजक चूर्ण को एक बड़े पैमाने पर निर्माण की आवश्यकता होती है तो औद्योगिक विधियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिन्हें हम अपने आर्टिकल में नीचे जानेंगे। चूर्ण बनाने की प्रयोगशाला विधि निम्न प्रकार है –
शुष्क बुझे चूने की अभिक्रिया जब क्लोरीन गैस के साथ कराई जाती है तब हमें ब्लीचिंग पाउडर प्राप्त होता है।
2Ca(OH)2 + 2Cl2 → Ca(OCl)2 + CaCl2 + 2H2O
औद्योगिक विधि से ब्लीचिंग पाउडर बनाने की दो विधियां निम्नलिखित हैं –
हेजनक्लेवर विधि
इस प्रकार की विधि में एक संयंत्र का प्रयोग किया जाता है। इसके अंदर अधिक मात्रा में खोखले बेलन होते हैं। खोखले बेलन के अंदर कुछ छड़े लगी हुई होती है जिनमे विलोडक या Stirrers लगे होते हैं। यह बेलन आपस में इस प्रकार जुड़े रहते हैं कि इन में डाला गया पदार्थ एक दूसरे में आसानी से आ जा सकता है। अब जब इसमें ऊपर के बेलनो में शुष्क बुझा हुआ चूना डालते हैं और नीचे के बेलनों से क्लोरीन गैस को प्रवाहित करते हैं तब इनमे लगे विलोडक के द्वारा यह दोनों पदार्थ आपस में मिक्स कर दिए जाते हैं और इस अभिक्रिया के फल स्वरुप ब्लीचिंग पाउडर बनता है। यह संयंत्र में लगे विलोडक का कार्य इन दोनों पदार्थों को आपस में मिलाना ही होता है ताकि अभिक्रिया ठीक ढंग से हो पाए।
बैचमान विधि
ब्लीचिंग पाउडर बनाने की एक अन्य विधि है। इस विधि में प्रयुक्त किया गया संयंत्र ऊंचाई में काफी लंबा तथा मीनार के आकार का होता है। इस संयंत्र में लगे rods में काफी चरखिया लगी हुई होती हैं। संयंत्र में ऊपर की ओर से वायु संपीडन के द्वारा शुष्क बुझा चूना को डाला जाता है। और नीचे से इस यंत्र में गर्म वायु और साथ में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है। जब यह पदार्थ आपस में मिलते हैं तब चरखी यों के द्वारा इनको अच्छे से मिला दिया जाता है और अभिक्रिया के फलस्वरूप ब्लीचिंग पाउडर प्राप्त होता है। यह ब्लीचिंग पाउडर संयंत्र के निचले हिस्से से बाहर निकलता रहता है। इस संयंत्र में लगी चर्खियों का कार्य इन पदार्थों (क्लोरीन, शुष्क बुझा चूना और गर्म वायु) को आपस में मिलाना ही होता है ताकि अभिक्रिया ठीक ढंग से हो पाए।
विरंजक चूर्ण के गुण (Properties of Bleaching Powder)
यह एक बहुत महत्वपूर्ण पदार्थ है। इसके बहुत सारे रासायनिक गुण हैं जिसके लिए यह काफी जाना जाता है हम अपने इस लेख ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र में एक एक करके इन गुणों को जानने की कोशिश करेंगे।
- यह पीले रंग का चूर्ण पदार्थ होता है। इसकी विलेयता जल में अच्छी खासी होती है, परंतु कुछ अशुद्धियां होने के कारण यह पूर्ण रूप से जल में नहीं घुल पाता है। इसे सूंघने पर इसमें क्लोरीन जैसी गंध आती है।
- जब विरंजक चूर्ण की अभिक्रिया तनु अम्ल के साथ कराई जाती है तब यह क्लोरीन गैस का उत्पादन करता है।
Ca(OCl)2(s) + H2SO4(aq)→ CaSO4(s)+ Cl2(g)+ H2O
- ब्लीचिंग पाउडर, जल के साथ अभिक्रिया करके नवजात ऑक्सीजन को मुक्त करता है जिसका कार्य विरंजक क्रिया में किया जाता है।
- उत्प्रेरक कोबाल्ट क्लोराइड की उपस्थिति में यह खुद को अब घटित कर लेता है और ऑक्सीजन गैस का निर्माण करता है।
ब्लीचिंग पाउडर उपयोग (Bleaching Powder Uses in Hindi)
अब दोस्तों बात कर लेते हैं की इस ब्लीचिंग पाउडर के क्या क्या उपयोग है। क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है इसलिए इसके उपयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है।
- यह पदार्थ कई अन्य पदार्थों के साथ क्रिया करके क्लोरीन का निर्माण करता है तथा नवजात ऑक्सीजन को बनाने में भी सहायक होता है।
- चूंकि ब्लीचिंग पाउडर एक प्रबल ऑक्सीकारक होता है तो इसका प्रयोग वस्तुओं के रंग उड़ाने में किया जाता है। इसके उपयोग से कागज, कपड़े, लकड़ी आदि का रंग उड़ाया जाता है। इसी गुण के कारण ही इसे विरंजक चूर्ण या bleaching powder कहा गया।
- पानी से हानिकारक बैक्टीरिया को हटाने में अर्थात जीवाणु नाशक बैक्टीरिया को मारने में ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।
- कुछ अन्य महत्वपूर्ण रासायनिक यौगिक बनाने में भी इस पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।
निष्कर्ष
मित्रों हमने आज के अपने इस महत्वपूर्ण लेख ब्लीचिंग पाउडर का सूत्र (bleaching powder ka sutra) में जाना कि what is bleaching powder, bleaching powder uses, bleaching powder chemical formula, ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि क्या हैं। ब्लीचिंग पाउडर उपयोग की व्याख्या आदि। हमने सभी संभव प्रश्नों को अपने इस लेख में समाहित किया है यदि आपका अभी भी कोई प्रश्न शेष है तो आप हमें कमेंट सेक्शन के माध्यम से अपने प्रश्न को पूछ सकते हैं। हम आपके प्रश्न का उत्तर देने का शीघ्र ही प्रयास करेंगे।।