फैराडे का नियम क्या है? फैराडे के प्रथम और द्वितीय नियम क्या हैं?
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको फैराडे का नियम के बारे में बताएँगे। हम इस आर्टिकल में आपको फैराडे के प्रथम नियम को बताएँगे और साथ ही साथ हम फैराडे के द्वितीय नियम को बताएँगे। पिछले आर्टिकल में हमने आपको हेनरी का नियम क्या है? हेनरी के नियम का सूत्र क्या है?तथा हेनरी के नियम के अनुप्रयोग के बारे में बताया। हेनरी के नियम के अनुप्रयोग व हेनरी के नियम से सम्बंधित सभी जानकारी हमरी हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट पर उपलब्ध है जिसे आप हमारी वेवसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं। और अपनी जानकारी को बढ़ा सकते हैं।
फैराडे का नियम आज का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसमें हम आपको फैराडे के विधुत अपघटन के नियम के नियम के बारे में बताएँगे। परीक्षा की दृष्टी से फैराडे के नियम बहुत ही महत्वपूर्ण मने जाते हैं। फैराडे के नियम पर आधारित प्रश्न कई बार परीक्षाओं में पूंछे जा चुके हैं। फैराडे के नियम से सम्बंधित कुछ इस तरह के प्रश्न परीक्षाओं में पूंछे जाते हैं जैसे फैराडे के नियम क्या हैं? फैराडे का प्रथम नियम क्या है? फैराडे का दूसरा नियम क्या है? फैराडे का प्रथम और दूसरा नियम किस पर आधारित है? फैराडे का नियम किस सिद्धांत पर आधारित है? इस तरह के प्रश्न परीक्षा में आते हैं। इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए हमारे साथ अंत तक जुड़े रहिए।
फैराडे का नियम क्या है?
इस लेख में हम आपको फैराडे का नियम क्या होता है? इसकी पूर्ण जानकारी देने वाले हैं और इसके साथ साथ हम फैराडे के वैधुत अपघटन के नियमों के बारे में भी बताएँगे। हम आपको इसके नोमेरिकल का हल भी इसी आर्टिकल में देने वाले हैं तो शुरू करते हैं आज का महवपूर्ण टॉपिक। फैराडे नामक वैज्ञानिक ने 1834 में विद्युत अपघटन पर आधारित दो नियम दिए जो निम्नलिखित हैं।
फैराडे के विद्युत अपघटन का प्रथम नियम
इस नियम के अनुसार जब किसी विद्युत अपघट्य के विलयन में विद्युत धारा प्रभाहित करते हैं तो एलेक्ट्रोडो पर मुक्त पदार्थ की मात्रा विद्युत अपघटन के लिए प्रवाहित धारा की मात्रा के समानुपाती होती है। ये फैराडे का विद्युत अपघटन का प्रथम नियम है। अथवा विद्युत अपघटन की क्रिया में एलेक्ट्रोडो पर मुक्त या एकत्रित होने वाले पदार्थ की मात्रा सेल में प्रवाहित आवेश के समानुपाती होती है।
यदि मुक्त पदार्थ की मात्रा W और धारा की मात्रा Q हो तो W समानुपाती Q होगा।
W ∝ Q
या W = ZQ
यहाँ Z एक प्रकार का नियतांक है जिसे विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं।
W = Z X Q
क्योंकि Q = it होता है तब हम देखते हैं
W = Z x i x t
जहाँ t = समय
i = विद्युत धरा
यदि i = 1 एम्पियर , t = 1 सेकंड हो तो
W = Z
अतः इससे स्पष्ट होता है कि जब किसी विद्युत अपघटनी सेल में 1 कूलाम आवेश प्रवाहित किया जाता है तो इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ की मात्रा ही उसका विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहलाती है।
फैराडे के विद्युत अपघटन का द्वितीय नियम
इस नियम के अनुसार जब किसी विद्युत विद्युत अपघट्य के विलयन में एक सामान विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो एलेक्ट्रोडो पर मुक्त पदार्थो का द्रव्यमान उनके तुल्यांकी भारो के समानुपाती होता है। यह फैराडे का विद्युत अपघटन का दूसरा नियम है। अथवा जब विभिन्न विद्युत अपघट्य में सामान धारा प्रवाहित की जाती है तो एलेक्ट्रोडो पर एकत्रित या मुक्त पदार्थो की मात्रा उनके तुल्यांकी भारो व विद्युत रासायनिक तुल्यांको के समानुपाती होती है।
W ∝ E
प्रथम विधुत अपघट्य के लिए W1 ∝ E1
W1 = KE1
द्वितीय विधुत अपघट्य के लिए W2 ∝ E2
W2 = KE2
भाग करने पर
W1/W2 = E1/E2
क्योंकि W = Z x i x t
इसलिए Z1/Z2 = E1/E2
तब Z1/Z2 = E1/E2 = W1/W2
नोट E ∝ Z
E = FZ
जहाँ F = 1 फैराडे = 96500 कूलाम
1 फैराडे = 1 मोल इलेक्ट्रान का आवेश
6.023 x 1023 x 1.602 x 10-19
= 96488.4
लगभग 96500 कूलाम (इसे हम 1 फैराडे कहते हैं) यही फैराडे का नियम है।
पूछे गए प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- श्रेणी क्रम में जुड़े हुए AgNO3 तथा क्युपरिक लवण के विलयन में सामान धारा को प्रवाहित किया जाता है। यदि निक्षेपण सिल्वर का भार 1.08 ग्राम है तो निक्षेपित कॉपर का भार ज्ञात कीजिए। (EAg=108 , ECu=31.75)
उत्तर- Ag का भार W1 = 1.08 gm
E1 = 108
Cu का भार W2 = ?
E2 = 31.75
W1/W2 = E1/E2
1.08/W2 = 108/31.75
Ans. W2 = 0.3175 gm
प्रश्न- CuSO4 विलयन को 2 एम्पियर की धारा से 450 सेकंड तक अपघटित किया गया। कैथोड पर निक्षेपित कोपर के द्रव्यमान की गणना कीजिए। (Cu – 63)
उत्तर- CuSO4 ———->Cu++ + SO4—
E = a/2 = 63/2
i =2 एम्पियर
t = 450 सेकंड w=?
W = Z x i x t
W = E /96500 x i x t
W = 63x2x450/2×96500
Ans. W = 0.293gm
प्रश्न – 1 मोल Al+++ को Al में अपचयित करने के लिए कितना आवेश चाहिए?
उत्तर – Al+++ + 3e– ——–>Al
इसलिए आवश्यक आवेश = 3F = 3×96500 = 289500
Ans. = 2.895×105 कूलाम
प्रश्न- 1 मोल Cu++ को Cu में अपचयित करने के लिए कितने आवेश की आवश्यकता होगी।
उत्तर- Cu++ + 2e– ——–>Cu
इसलिए आवश्यक आवेश = 2F = 2×96500 = 193000
Ans. = 1.93×105 कूलाम
प्रश्न- 1 मोल MnO-4को Mn++ में अपचयित करने के लिए कितने आवेश की आवश्यकता होगी।
उत्तर- इसलिए आवश्यक आवेश = 5F = 5×96500 = 482500
Ans. = 4.825×105 कूलाम
प्रश्न- Cu++ के 4 ग्राम तुल्यांक को Cu धातु में अपचयित करने के लिए आवश्यक फैराडे की संख्या बताओ
उत्तर- फैराडे की संख्या = ग्राम तुल्यांक की संख्या
Ans. इसलिए F = 4
प्रश्न- 3 एम्पियर की धारा 50 मिनट तक प्रवाहित करने पर 1.8 ग्राम धातु संग्रहित होती है। धातु का तुल्यांकी भार ज्ञात कीजिए।
उत्तर- i = 3 एम्पियर
t = 50 x 60 = 3000 सेकंड
W = 1.8 ग्राम E = ?
W = Z x i x t
W = E/96500 X i x t
E = Wx95500/ixt
E = 1.8×96500/3×3000
Ans. E = 19.3
निष्कर्ष
आज का यह आर्टिकल बहुत ही महत्वपूर्ण आर्टिकल है जो साइंस से सम्बंधित छात्रों के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है। क्योंकि इस आर्टिकल से सम्बंधित प्रश्न साइंस की सभी परीक्षाओं में पूँछ लिए जाते हैं। इसलिए इस टॉपिक की जानकारी हर साइंस के छात्र को होना आवश्यक है।आज के इस आर्टिकल में हमने आपको फैराडे के नियम, फैराडे का विद्युत अपघट्य का प्रथम नियम और फैराडे का विद्युत अपघट्य का दूसरा नियम क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। और इसके साथ साथ हमने फैराडे के नियम के सूत्र और फैराडे के नियम पर आधारित प्रश्न उत्तर भी कराएं हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। इसी प्रकार की जानकारी हम अपनी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेवसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार की और भी जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ तब तक के लिए धन्यवाद।