आयन किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं?
दोस्तों आपका बहुत स्वागत है आपका हमारे इस नए आर्टिकल में। हम आज इस विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं उसका नाम है आयन किसे कहते हैं? यदि आप साइंस के स्टूडेंट रहे होंगे तो आपको परमाणु, अणु और आयनों के बारे में कुछ ना कुछ जानकारी अवश्य होगी। आपकी इसी जानकारी को एक उच्च लेवल तक पहुंचाने के लिए हम यह आर्टिकल आप तक लेकर आए हैं।
इसके अंतर्गत हम आपको बताएंगे कि आयन किसे कहते हैं? आयन कितने प्रकार के होते हैं? धनायन और ऋण आयन में क्या अंतर हैं और उनकी परिभाषाएं क्या है? ज्वीटर आयन किसे कहते हैं कार्बोनियम आयन किसे कहते हैं? और कार्ब-ऋणायन से क्या तात्पर्य है? ऐसे ही रोचक और महत्वपूर्ण प्रश्नों को जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। तो चलिए अब अपना आर्टिकल शुरू करते हैं।
आयन किसे कहते हैं – What is Ions?
आयन एक परमाणु या अणु है जिसमें विद्युत आवेश पाया जाता है, इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है। किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होने के लिए यह आयन ही जिम्मेदार होते हैं। यदि किसी चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं तो वह चालक विद्युत का प्रभाव नहीं कर सकता। मुक्त इलेक्ट्रॉन का तात्पर्य ऐसे इलेक्ट्रॉनों से होता है जो चालक में मुक्त अवस्था में इधर-उधर घूमते हैं और एक विभावंतर मिलने पर एक ही दिशा में गति करना शुरू कर देते हैं, जिससे कि विद्युत का प्रभाव होने लगता है।
आयन कितने प्रकार के होते हैं? How many types of Ions there are?
हमने अपने आर्टिकल आयन किसे कहते हैं में आयन के दो प्रकारों का वर्णन किया है जो कि निम्न प्रकार है –
धनायन (Cation)
वह आयन जिस पर पॉजिटिव चार्ज होता है, धनायन कहलाता है। किसी परमाणु या अनु पर धनायन तब आता है जब उसमें इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है और प्रोटॉन की संख्या इलेक्ट्रॉन से अधिक हो जाती है। उस अणु या परमाणु पर जितने इलेक्ट्रॉन की कमी होती है उस पर उतना ज्यादा धनायन आता है। इसे (+) से व्यक्त करते हैं। कोई भी धनायन, ऋण आयन को अपनी ओर आकर्षित करता है। किसी भी परमाणु पर यदि कोई चार्ज आ जाता है तो वह अस्थाई हो जाता है।
विधुत का प्रवाह ध्यान के प्रवाह की दिशा में होता है।
ऋणायन (Anion)
वह आयन जिस पर नेगेटिव चार्ज होता है ऋणायन कहलाता है। किसी परमाणु और अणु पलायन तब आता है जब उसमें इलेक्ट्रॉन की अधिकता हो जाती है, और प्रोटॉन की कमी हो जाती है। जैसे ही किसी परमाणु और अणु में इलेक्ट्रॉन की अधिकता होती है यह ऋण आयन में परिवर्तित हो जाता है। ऋणआयन, धनायन की ओर आकर्षित होते हैं। इसे (-) से व्यक्त करते हैं। ऋण आयन प्रकृति में अस्थाई रूप में होते हैं। यह आयन अपने आप को स्थाई रखने के लिए धनायन उसे अभीक्रिया करते हैं।
विधुत का प्रवाह ऋणायन के प्रवाह के विपरीत दिशा में होता है।
आयनिक यौगिक किसे कहते हैं? What are Ionic Compounds?
जब धातु और अधातु आपस में अभिक्रिया करके उत्पाद बनाते हैं तो बनने वाला उत्पाद आयनिक यौगिक होता है। इन दो परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रोस्टेटिक फोर्स होता है। जिसे हिंदी में विद्युत संयोजी बल कहते हैं। इस प्रकार के यौगिकों का निर्माण इलेक्ट्रॉनों के आकर्षण के कारण होता है। तथा कम विद्युत ऋण आत्मक परमाणु के इलेक्ट्रॉन अधिक विद्युत ऋण आत्मक परमाणु के पास पहुंच जाते हैं।
आयनिक यौगिकों के गुण बताइए – Characteristics Of Ionic Compounds?
अब हम आपको अपने आर्टिकल आयन किसे कहते हैं में आयनिक यौगिकों के गुण बताने जा रहे हैं। आयनिक यौगिकों के गुण निम्न प्रकार हैं –
- इन यौगिकों का क्वथनांक और गलनांक बहुत उच्च होता है क्योंकि इनके मध्य मजबूत विद्युत संयोजी बल पाया जाता है।
- आयनिक यौगिक क्रिस्टलीय यौगिक होते हैं।
- यह योगिक पानी में अधिक विलय होते हैं, परंतु कार्बनिक विलायकों में यह घुलनशील नहीं होते हैं।
- आयनिक यौगिक अपनी ठोस अवस्था में विद्युत का संचालन नहीं करते हैं। परंतु जब यह लिक्विड या पिघले हुए होते हैं तब यह विद्युत का संचालन आसानी से करते हैं।
- दूसरे यौगिकों की तुलना में इन योग्य को की हीट आफ वेपराइजेशन या डेल्टा H का मान अधिक होता है।
- आयनिक यौगिकों के निर्माण के लिए एक परमाणु इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान अधिक होना चाहिए और दूसरे परमाणु के इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान कम होना चाहिए।
उदासीन परमाणु या अणु किसे कहते हैं? What is neutral atom or molecule?
ऐसे परमाणु या अणु जिन पर ना तो कोई पॉजिटिव चार्ज होता है और ना ही कोई नेगेटिव चार्ज, ऐसे परमाणु या अणु उदासीन कहलाते हैं। यह धनायन व ऋण आयन की ओर आकर्षित नहीं होते हैं। इनमें प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन की संख्या का अनुपात 1 के बराबर होता है अर्थात प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन बराबर संख्या में होते हैं।
ज्विटर आयन किसे कहते हैं? – What is Zwitterion?
यह एक विशेष प्रकार का आयन है जिस पर धन आवेश और ऋण आवेश दोनों उपस्थित होते हैं। ज्विटर आयन को द्विध्रुवीय आयन भी कहते हैं। ऐसा आयन अमीनो एसिड के द्वारा बनाया जाता है। इन आंखों में जितना पॉजिटिव आवेश होता है उतना ही नेगेटिव आवेश भी होता है जिस कारण यह उदासीन जैसा व्यवहार करते हैं। कभी-कभी ऐसे प्रकार के आयन को Inner Salt Ions भी कहा जाता है।
कार्बोनियम आयन किसे कहते हैं? What is carbonium ion?
कार्बोनियम आयन एक ऐसा कार्बन परमाणु है जिस की संयोजकता 5 हो जाती है। यह ऑर्गेनिक केमिस्ट्री अर्थात कार्बनिक रसायन में बनने वाले उत्पादों के इंटरमीडिएट उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं तथा अस्थाई होते हैं। इन आयन पर एक पॉजिटिव चार्ज होता है। इस आयन के कार्बन परमाणु के बाहरी कोश में छह इलेक्ट्रॉन होते हैं।
कार्ब-ऋणायन किसे कहते हैं? What is Carbanion?
यह एक कार्बन का ऐसा आयन होता है, जिस पर नेगेटिव चार्ज पाया जाता है। बंधो के हेट्रॉलिटिक विखंडन से कार्ब-ऋणायन का निर्माण होता है। यह ट्राई वेलेंट अर्थात त्रि-बंध होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
प्रश्न: उदासीन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: वे सभी परमाणु जिन पर कोई भी चार्ज या आवेश उपस्थित नहीं होता है उदासीन कहलाता है।
प्रश्न: इलेक्ट्रॉन की अधिकता होने पर कौन सा आवेश आ जाता है?
उत्तर: जब किसी परमाणु या अणु पर इलेक्ट्रॉन की अधिकता हो जाती है तो उस पर ऋण आवेश आ जाता है।
प्रश्न: ज़्विटर आयन पर कुल आवेश कितना होता है?
उत्तर: ज्विटर आयन पर धन आवेश और ऋण आवेश एक ही अणु में पाया जाता है। परंतु अणु का कुल आवेश zero हो जाता है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख मे दोस्तों हमने आयन क्या होता है और इसके क्या क्या प्रकार होते हैं, ये सब जाना। यदि इस लेख से जुड़ा आपके मन मे कोई संदेह हो तो कॉमेंट बॉक्स मे अवश्य पूछें।