साबुन क्या है? परिभाषा, प्रकार, सूत्र तथा बनाने की विधि

साबुन क्या है?
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दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको साबुन क्या है? साबुन की परिभाषा क्या होती है? साबुन कितने प्रकार का होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। इसके साथ साथ हम आपको साबुन का सूत्र क्या होता है तथा साबुन बनाने की विधि के बारे में बताएँगे। यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जो कई बार परीक्षाओं में पूछा जा चुका है केमिस्ट्री से सम्बंधित सभी स्टूडेंट्स को इसके बारे में पता होना चाहिए। साबुन से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।

पिछले आर्टिकल में हमने आपको हेनरी का नियम क्या है? इसके बारे में विस्तार से बताया जो एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे  में परीक्षाओं में प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। यदि आपने अभी तक हमारा यह आर्टिकल नहीं पढ़ा है तो आप हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट पर इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको साबुन क्या है? साबुन की परिभाषा क्या होती है? साबुन कितने प्रकार का होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं।  इसके साथ साथ हम आपको साबुन का सूत्र क्या होता है तथा साबुन बनाने की विधि क्या होती है इसके बारे में बताने वाले हैं।

क्लोरोफॉर्म का सूत्र क्या है?

साबुन की परिभाषा (साबुन क्या है?)

साबुन का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में होता ही रहता है हम सभी के घरो में किसी न किसी कम्पनी का साबुन इस्तेमाल होता ही है क्या आपने कभी सोचा है कि साबुन को किस तरह बनाया जाता है अगर आपको साबुन के बारे में अभी तक नहीं जाना कि साबुन को किस तरीके से बनाया जाता है तो कोई बात नहीं आज हम आपको साबुन के बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं तो विना किसी देरी के आइए जानते हैं साबुन किसे कहते हैं? अधिक अनुभार वाले कर्बोक्सिलिक अम्लो के सोडियम तथा पोटेशियम लवण को साबुन कहते हैं। इसका सामान्य सूत्र R-COONa तथा R-COOK होता है। जहाँ R = C17H35 तथा अन्य उच्च एल्किल समूह उपस्थित होते हैं। जब तेल अथवा वसा की क्षार से क्रिया करायी जाती है तो साबुन का निर्माण होता है। तो एक प्रक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।

साबुन का सूत्र

CH2COOC17H35                                 CH2OH
I                                                          Ι
CHCOOC17H35  + 3NaOH __________> CHOH    + 3C17H35COONa   (साबुन)
I                                                          Ι

CH2COOC17H35                                        CH2OH

साबुन बनाने में प्रयुक्त होने वाले तेल और वसा उच्च अणुभार वाले मोनो कर्बोक्सिलिक अम्लो के ग्लिसरोल के साथ बने ऐस्टर होते हैं। इनमे उपस्थित उच्च अणुभार वाले मोनो कार्बोक्सिलिक अम्ल होते हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • स्टिएरिक अम्ल (C17H35COOH)
  • पामिटिक अम्ल (C15H31COOH)
  • ओलिएक अम्ल (C17H33COOH)

तेल तथा वसा के द्वारा क्षारीय जल अपघटन से साबुन के बनने की क्रिया को साबुनीकरण कहते हैं। साबुन जल में विलेय होते हैं।

साबुन के प्रकार

ऊपर के लेख में हमने आपको साबुन क्या है इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है अब हम आपको साबुन के प्रकार के बारे में बताते हैं। साबुन दो प्रकार के होते हैं।

  • कठोर साबुन
  • मुलायम साबुन

कठोर साबुन – वे साबुन जिनमें कास्टिक सोड़ा का प्रयोग किया जाता है ऐसे साबुन को कठोर साबुन कहते हैं। यह साबुन जल के साथ कम झाग उत्पन्न करता है।

मुलायम साबुन – वे साबुन जिसमे कास्टिक पोटास का प्रयोग किया जाता है ऐसे साबुन को मुलायम साबुन कहते हैं। यह जल के साथ अधिक झाग देता है।

साबुन के प्रकार

अच्छे साबुन की विशेषताएँ

ऊपर के लेख में आपने साबुन क्या है? साबुन कितने प्रकार का होता है। साबुन का सूत्र क्या होता है? इसके बारे में जाना। अब आप अच्छे साबुन की विशेषता के बारे में सानेंगे। अच्छे साबुन की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं।

  1. साबुन चिकना एवं मुलायम होना चाहिए।
  2. साबुन में क्षार नहीं होना चाहिए।
  3. प्रयोग के समय साबुन चटकना नहीं चाहिए।
  4. इसमें 10% नामी नहीं होना चाहिए।
  5. यह अल्कोहल में पूर्ण तरह विलेय होना चाहिए।
  6. इसमें कीटाणुनाशक पदार्थ मिले होने चाहिए।

साबुन बनाने की विधि

साबुन क्या है? साबुन का सूत्र और साबुन के प्रकार के बारे में जानने के बाद अब हम आपको साबुन बनाने की विधि के बारे में बताने वाले हैं। साबुन का निर्माण निम्नलिखित विधि के द्वारा किया जा सकता है।

गर्म विधि द्वारा साबुन का निर्माण

 इस विधि में एक बड़े बर्तन में तेल या पिघला हुआ वसा लेकर उसमे उचित मात्रा में कास्टिक सोडा विलयन मिलते हैं। इस मिश्रण को भाप की सहायता से गर्म करते हैं। जब मिश्रण उबलने लग्यता है तो ठोढ़ी देर बाद उसमे मिश्रण में ठोस सोडियम क्लोराइड मिलाते हैं। ऊपर से गर्म भाप देते रहते हैं सम आयन प्रभाव के कारण साबुन अवक्षेपित हो जाता है। तथा हल्का होने के कारण ऊपरी परत बना लेता है। इसे स्पेंट लाई कहते हैं। तथा इससे ग्लिसरोल को साइड प्रोडक्ट के रूप में प्राप्त किया जाता है।

स्पेंट लाई को निकास द्वार से निकाल लेते हैं। शेष मिश्रण में साबुन के अतिरिक्त अन-अपघटित तेल या वसा भी होता है इसमें NaOH विलयन मिला कर निम्न प्रक्रिया को दोहराते हैं। इस प्रकार बर्तन में मुख्यता साबुन प्राप्त होता है। गलित अवस्था में इसे एक दूसरे बर्तन में ले जाते हैं। इस दूसरे बर्तन में एक stirrer लगा होता है इस बर्तन में साबुन में रंग, सुगंध, कीटाणुनाशक पदार्थ तथा अन्य उपयोगी पदार्थ मिला देते हैं। stirrer के प्रयोग से इन पदार्थो का सामगी मिश्रण प्राप्त होता है। इस मिश्रण को बर्तन से बाहर निकाल कर साचो में डाल कर ठण्डा कर लेते हैं।

गर्म विधि द्वारा साबुन का निर्माण

साबुन का उपयोग

  • साबुन का प्रमुख उपयोग शरीर एवं कपड़ो की सफाई करने में किया जाता है।
  • शेविंग करने के लिए शेविंग सोप का प्रयोग किया जाता है।
  •  चर्म रोगों औषधि युक्त साबुन बनाने में।

साबुन के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ

साबुन के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ निम्नलिखित हैं।

  • वनस्पति तेल
  • कास्टिक पदार्थ
  • सोडियम सिलिकेट
  • कार्बोलिक अम्ल
  • विरोज़ा या रेजिन
  • रंग तथा सुगन्धित पदार्थ

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको साबुन क्या है? साबुन की परिभाषा क्या होती है? साबुन कितने प्रकार का होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको साबुन का सूत्र क्या होता है तथा साबुन बनाने की विधि के बारे में बताया है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इस टॉपिक से सम्बंधित प्रश्न कई बार परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। केमिस्ट्री के अन्य टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

 

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