धावन सोडा का रासायनिक सूत्र क्या है इसके उपयोग तथा बनाने की विधि
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर केमिस्ट्री की बेहतरीन वेबसाइट Hindi Chemistry पर आपका स्वागत है। जैसा कि हर बार की तरह इस बार भी हम आपके लिए एक बहुत महत्वपूर्ण लेख धावन सोडा का सूत्र लेकर आए हैं। जिसे आम बोलचाल की भाषा में वॉशिंग सोडा (Washing Soda) भी कहा जाता है। आपने इसके बारे में जरूर कहीं ना कहीं सुन रखा होगा। यह एक महत्व रासायनिक यौगिक है जो अन्य कई रासायनिक पदार्थों के निर्माण में बहुत सहायक होता है। आज हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे।
चलिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों की बात कर लेते हैं जैसे कि धावन सोडा क्या है धावन सोडा का सूत्र क्या होता है। मैं कभी आपसे परीक्षा में ऐसे भी प्रश्न पूछ लिया जाता है कि दवा सोडा का सूत्र तथा दो उपयोग लिखिए। से सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को इस आर्टिकल में कवर किया है। इस महत्वपूर्ण लेख का लाभ लेने के लिए आपको यह अंत तक पढ़ना है। केमिस्ट्री के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी इस वेबसाइट पर पहले से लिखे हुए अन्य लेखों को पढ़ सकते हैं जो आपकी जानकारी की बढ़ोतरी करने में बहुत सहायक साबित होंगे।
धावन सोडा क्या है?
यह एक रासायनिक अकार्बनिक योगिक है। धावन सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट होता है। धावन सोडा का सूत्र (Dhavan Soda Formula) Na2CO3 होता है। इसे वॉशिंग सोड़ा सोडा ऐश या सोडा क्रिस्टल्स के नाम से भी जानते हैं। इसलिए इसका प्रयोग कपड़े धोने के काम के लिए किया जाता है। यह एक साधारण सा लवण है जिसको यदि जल में घोला जाए तो क्षारीय विलयन प्राप्त होता है। धावन सोडा के एक अणु का निर्माण दो सोडियम के परमाणु एक कार्बन का परमाणु तथा तीन ऑक्सीजन के परमाणु आपस में जुड़कर एक अणु का निर्माण करते हैं।
धावन सोडा का रासायनिक सूत्र = Na2CO3
Dhavan Soda Ka Rasayanik Naam = सोडियम कार्बोनेट
भौतिक गुण
सोडियम कार्बोनेट अथवा धावन सोडा के भौतिक गुण निम्न प्रकार हैं।
- सोडियम कार्बोनेट सफेद कलर का एक ठोस पदार्थ होता है।
- इस पदार्थ का गलनांक 850 डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
- निर्जल धावन सोडा का परमाणु भार 106 होता है, तथा जलयुक्त धावन सोडा का परमाणु भार 286 होता है जिसमें 10 जल के अणु उपस्थित होते हैं। तथा इसका घनत्व 2.54 gm/cm³ होता है।
- इस का क्वथनांक 1600 डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
- यह जल में अच्छी तरह से घुल जाता है अर्थात यह जल में विलय होता है।
- जब सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन का सांद्रण किया जाता है तो इससे सोडियम कार्बोनेट के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
धावन सोडा बनाने की विधि
धावन सोडा को बनाने की कई विधियां प्रचलित है जिनमें से कुछ विधियां प्रयोगशाला विधि होती हैं और कुछ औद्योगिक विधियां भी होती हैं। हम अपने इस लेख धावन सोडा का सूत्र के अंतर्गत आपको दोनों प्रकार की विधियों के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह विधियां निम्न प्रकार है –
1. प्रयोगशाला में धावन सोडा का निर्माण (Laboratory Method)
प्रयोगशाला में धावन सोडा का निर्माण करने के लिए कास्टिक सोडा के बिलयन में कार्बन डाइऑक्साइड CO2 गैस प्रवाहित करते हैं। इसके पश्चात सोडियम कार्बोनेट का जलीय विलयन प्राप्त होता है। जब किस बिलियन का सांद्रण किया जाता है बिलियन को ठंडा करने के बाद सोडियम कार्बोनेट के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं जिसे धावन सोडा कहा जाता है। यही अभिक्रिया निम्नलिखित है
2NaOH + CO2 -> 2Na2CO3 + H2O
2. औद्योगिक निर्माण विधि (Industrial Methods)
बड़े स्तर पर धावन सोडा का निर्माण करने की विधियां जैसे कि ली ब्लॉक विधि, सॉल्वय की अमोनिया सोडा विधि आदि। चलिए एक-एक करके इन विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
ली ब्लॉक विधि
इस विधि में सर्वप्रथम सोडियम क्लोराइड को सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के साथ गर्म किया जाता है तब सोडियम सल्फेट प्राप्त होता है इस सोडियम सल्फेट को कार्बन तथा चूना पत्थर जिसे कैल्शियम कार्बोनेट कहा जाता है के साथ गर्म किया जाता है तब सोडियम कार्बोनेट प्राप्त होता है।
NaCI+H2SO4 = NaHSO4+HCI
NaCI+NaHSO4 = Na2SO4+HCI
Na2SO4+CaCO3+4C = Na2CO3+CaS+4CO
साल्वे अमोनिया – सोडा विधि
इस विधि में अमोनियम हाइड्रोक्साइड विलयन के भीतर कार्बन डाइऑक्साइड गैस को प्रवाहित किया जाता है तब अमोनियम कार्बोनेट बनता है। इस अमोनियम कार्बोनेट की अभिक्रिया सोडियम क्लोराइड से कराने पर अमोनियम क्लोराइड और सोडियम बाई कार्बोनेट का मिश्रण प्राप्त होता है। जब सोडियम बाई कार्बोनेट (Na2CO3) को गर्म किया जाता है तब सोडियम कार्बोनेट प्राप्त होता है। अभिक्रिया के चरण निम्नलिखित दिए गए हैं।
NH4OH + CO2 = NH4HCO3
NH4HCO3 + NaCl = NH4Cl + 2NaHCO3
2NaHCO3 = Na2CO3 + H2O + CO2
धावन सोडा के रासायनिक गुण
चलिए अब धावन सोडा के रासायनिक गुण धर्मों के बारे में बात कर लेते हैं। धावन सोडा का सूत्र तो आपने ऊपर हमारे इस लेख में जान ही लिया होगा, धावन सोडा का रासायनिक गुण निम्न प्रकार है –
- सोडियम कार्बोनेट के क्रिस्टल को शुष्क हवा में खुला छोड़ देने पर या फिर हल्का हल्का गर्म करने पर इसके क्रिस्टल में उपस्थित अधिकांश जल वायुमंडल में भाप बनकर उड़ जाता है।
- अधिक देर तक इसे गर्म करने पर इसमें उपस्थित जल के सभी अणु निकल जाते हैं जिसे निर्जल सोडियम कार्बोनेट कहा जाता है। इसको सोडा ऐश के नाम से भी जानते हैं।
- धावन सोडा का जलीय विघटन कराने पर क्षारीय विलियन प्राप्त होता है।
- अम्ल के साथ इसकी अभिक्रिया कराने पर यह लवण का निर्माण करता है।
धावन सोडा के उपयोग
- कपड़े धोने तथा विभिन्न प्रकार के अपमार्जक बनाने में धावन सोडा का उपयोग किया जाता है।
- कठोर जल की कठोरता को दूर करने में किसका उपयोग किया जाता है।
- अग्निशामक यंत्रों अर्थात आग बुझाने वाले यंत्रों में धावन सोडा (सोडियम कार्बोनेट) का प्रयोग किया जाता है।
- सफेद पेंट बनाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है तथा कागज और कांच के उद्योगों में भी इसका प्रयोग बहुत देखने को मिलता है।
- खाने का सोडा जैसे बेकिंग सोडा कहा जाता है कि निर्माण में भी सोडियम कार्बोनेट का प्रयोग किया जाता है।
- अनेक प्रकार के धातुओं को उनके अयस्को से निकालने में इसका उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष
इस पूरे लेख को पढ़ने के पश्चात आपने सीखा होगा कि धावन सोडा का सूत्र क्या होता है तथा धावन सोडा किसे कहते हैं। हमने सभी जानकारी को आसान शब्दों में आप को समझाने का प्रयास किया है। यदि आपका इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो आप बिना किसी संकोच के हमसे कमेंट सेक्शन के माध्यम से पूछ सकते हैं। बहुत जल्द मिलेंगे एक नए आर्टिकल के साथ तब तक के लिए नमस्कार।