इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा तथा उदहारण
परमाणु जगत के एक और नए लेख में आपका स्वागत है। आज हम आपको तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निकालना बताएंगे और साथ में इसकी परिभाषा के साथ साथ आपको अन्य महत्वपूर्ण बातों का भी ज्ञान कराएंगे। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास एक ऐसा शब्द है जो किसी तत्व की रासायनिक विशेषताओं का आधार होता है। किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास यह निर्धारित करता है कि उस तत्व की संयोजकता क्या होगी वह कितने बंध बनाएगा और वह कितना क्षारीय और अम्लीय है। यदि आप परमाणु के बारे में बहुत अधिक नहीं जानते हैं तो आप हमारा उससे संबंधित लेख भी पढ़ सकते हैं।
हम आपको कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में जानकारी देंगे जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को सबसे पहले किसने बताया, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कैसे निकाले तथा What is Electronic Configuration in Hindi आदि। संपूर्ण आशा करेंगे कि आज का यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो। विभिन्न प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं में Electronic Configuration से संबंधित बहुत प्रश्न आते हैं। पहले का अंत तक जरूर पढ़े जैसे कि आपके प्रश्न के उत्तर बनने लगे।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
किसी तत्व का Electronic Configuration उसे कहते हैं जो उस तत्व के भीतर परमाणु की कक्षक में इलेक्ट्रॉनों के भरने का ज्ञान कराता है। किसी तत्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को बनाने के कुछ मूल नियम होते हैं जिन पर Electronic Configuration आधारित होता है। चलिए इसे एक और परिभाषा समझते हैं : इलेक्ट्रॉन परमाणुओं के चारों तरफ एक सुनिश्चित व्रत में चक्कर लगाते हैं जिन्हें कक्षाएं कहा जाता है। इन कक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों का वितरण उस तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कहलाता है। सर्व प्रथम वैज्ञानिक Bohr और Burry ने सन 1921 में इस योजना को प्रस्तुत किया था जिसे Bohr- Burry योजना कहा गया था और इसकी सहायता से Electronic Configuration का उदय हुआ। आशा करते हैं आप समझ गए होंगे कि इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किसे कहते हैं (Electronic Vinyas Kise Kahate Hain)?
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखने के नियम बताइए
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को बनाने के लिए वैज्ञानिक बोहर और बरी ने कुछ नियम प्रस्तुत किए थे जिन्हें हम अब आपको इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है आर्टिकल के अंदर बताने वाले हैं की इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कैसे निकालते हैं। यह कुछ नियम इस प्रकार है –
- सर्वप्रथम कैसी तत्वों का Electronic Configuration ज्ञात करने के लिए हमें उस तत्व के परमाणु में उपस्थित कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या को ज्ञात करना होता है।
- इन इलेक्ट्रॉनों की संख्या को ज्ञात करने के लिए हमें 2n² नियम लगाना पड़ेगा। जहां पर n का मान उस कक्षा की क्रम संख्या है। परमाणु की पहली कक्षा के लिए n का मान 1 के बराबर होगा। तो पहले कक्षक में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या होती है। इसी प्रकार n का मान दूसरी कक्षा के लिए दो होता है और इसमें इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या आठ होती है तथा इसी प्रकार और भी ज्ञात करने पर तीसरी तथा चौथी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 18 और 32 होती है।
- परमाणु की सबसे बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 से अधिक और इससे पहले की कक्षा अर्थात अंतिम दूसरी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 18 से अधिक नहीं हो सकती है।
- अगर हम आपको इसे एक उदाहरण से समझाएं तो पोटेशियम का परमाणु नंबर 19 होता है, तो इस में इलेक्ट्रॉन भी 19 होते हैं। हम इसके लेक्टोनिक विन्यास 2, 8, 9 नहीं लिख सकते हैं।
- अब हम आपको बता दें कि परमाणु की प्रथम कक्षा में कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 हो सकती है। जब यह दोनों इलेक्ट्रॉन भर जाते हैं तब दूसरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन भरना शुरू हो जाते हैं।
- सबसे बाहरी कक्षा अर्थात Outermost Orbit में दो से ज्यादा तभी इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं जब सब से बाहर बाली कक्षा से पहले वाली कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या का मान 2n² नियम से अधिक हो जाए। इसे हम एक उदाहरण से समझते हैं। टाइटेनियम में कुल इलेक्ट्रॉन 22 होते हैं, जब हम इसका Electronic Configuration बनाते हैं तो पहली कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं दूसरी कक्षा में आठ Electron भरे जाते हैं तथा तीसरी कक्षा में 8 Electron भरने शुरू हो जाते हैं। अब तीसरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन भरने के पश्चात हमारे पास दो इलेक्ट्रॉन शेष बचते हैं चौथी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 से अधिक नहीं हो सकती और तीसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन उपस्थित है तथा 2n² नियम के अनुसार इसमें कुल अधिकतम 18 इलेक्ट्रॉन ही हो सकते हैं तब बचे हुए दो इलेक्ट्रॉन हमें तीसरी कक्षा में भेजने पड़ते हैं और इस प्रकार टाइटेनियम तत्व का Electronic Configuration 2, 8, 18, 2 होता है।
बोर बरी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अपवाद
कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो बोर बरी के नियम का पालन नहीं करते हैं। इसका उदाहरण क्रोमियम और कॉपर है। क्रोमियम का परमाणु क्रमांक 24 होता है, कॉपर का परमाणु क्रमांक 29 होता है। इन दोनों के Electronic Configuration बोर बरी नियम के अनुसार नहीं बनते हैं तथा उससे भिन्न पाए जाते हैं।
बोर बरी के नियम के अनुसार क्रोमियम का Electronic Configuration की रचना 2, 8, 12, 2 होनी चाहिए परंतु जब इसका वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास देखा गया तो यह 2, 8, 13, 1 निकला। और इसी प्रकार कॉपर का Electronic Configuration भी बोर बरी के नियम के अनुसार 2, 8, 17, 2 से भिन्न 2, 8, 18, 1 होकर होता है।
यदि हम इस नियम के कुछ अखबारों को छोड़ दें तो हम इस नियम से आसानी से पता लगा सकते हैं कि Electronic Vinyas Kaise Nikale या Electronic Vinyas Kya Hai?
कुछ तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
अब हम आपको यहां इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1 से 30 तक लिखकर बताएंगे ताकि आपने अच्छे से समझ पाए और देख पाएं की Electronic Configuration किस प्रकार लिखे जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किसे कहते हैं?
उत्तर – परमाणु कक्षा को के अंदर इलेक्ट्रॉनों के वितरण को प्रदर्शित करना electronic configuration कहलाता है।
प्रश्न – मैग्नीशियम परमाणु का Electronic Configuration क्या है?
उत्तर – मैग्नीशियम परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है 2,8,2
प्रश्न – एलुमिनियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
उत्तर – एलुमिनियम (Al) का सही Electronic Configuration 2, 8, 3 है।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में जाना कि 1 se 30 Tak Electronic Vinyas कैसे लिखा जाता है, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास किसे कहते हैं, Electron Vinyas Kaise Nikale? अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया तो आप अन्य लोगों में भी इसे शेयर कर सकते हैं। बहुत जल्द मिलेंगे एक नए आर्टिकल के साथ तब तक के लिए नमस्कार।