हवा का सूत्र क्या है? Hawa (Air) Ka Rasayanik Sutra in Hindi

हवा का सूत्र
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स्वागत है दोस्तों आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेबसाइट पर। आज हम आपके लिए एक नया आर्टिकल लेकर आए हैं जिसका नाम है हवा का सूत्र (Hawa Ka Sutra)। हवा कई गैसों का मिश्रण होता है अर्थात इसमें कई प्रकार की गैस से मिली हुई होती हैं जिनके बारे में आज हम विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे। हम अपनी वेबसाइट पर केमिस्ट्री से संबंधित महत्वपूर्ण लेख लेकर आते रहते हैं। आप पिछले लेखों को भी हमारी वेबसाइट पर जाकर आसानी से पढ़ सकते हैं। हवा एक ऐसी चीज है जिस पर हमारा जीवन निर्भर है अर्थात जिसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

आज के इस लेख में हवा का सूत्र क्या होता है, Formula of Air आदि के बारे में बात करेंगे। आप सब ने ऑक्सीजन के बारे में तो अवश्य सुना होगा। हवा में एक ही है सी गैस होती है जो हमारे सांस लेने के लिए जिम्मेदार होती है। इसके अभाव में हम सांस नहीं ले पाएंगे और हमारे दम घुटने लगेगा तो हमारी मृत्यु हो जाती है। ऑक्सीजन को हमारी प्राणवायु भी कहा जाता है। चलिए अब आपका ज्यादा टाइम खराब ना करते हुए शुरू करते हैं अपना आज का एक महत्वपूर्ण आर्टिकल हवा का सूत्र क्या है।

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हवा क्या है? (What is Air)

हवा को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि वायु, वेग, पवन आदि। यह कई गैसों का मिश्रण होती है जो हमारे पृथ्वी के वायुमंडल का निर्माण करती है। हवा में 78% नाइट्रोजन उपस्थित होती है, 21% ऑक्सीजन उपस्थित होती है। 0.9% आर्गन तथा 0.01% अन्य गैसे उपस्थित होती हैं। पृथ्वी के चारों तरफ विद्यमान  होने के कारण इन सब को मिलाकर पृथ्वी का वायुमंडल कहा जाता है। हवा का वास्तविक कोई रासायनिक सूत्र नहीं होता है।  ये विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है। 

नाइट्रोजन गैस सबसे अधिक मात्रा में वायुमंडल में उपस्थित होती है। इसका अणुभार 28 होता है तथा अणुसूत्र N2 होता है। पेड़ पौधे इस नाइट्रोजन गैस को रासायनिक अभिक्रिया मिट्टी के माध्यम से प्राप्त करते हैं और अपने अमीनो अम्ल और प्रोटीन का निर्माण करते हैं।

ऑक्सीजन गैस का अणुभार 32 होता है तथा इसका अणुसूत्र O2 होता है। इसे हमारी प्राणवायु कहा जाता है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है। जंतु सांस लेते वक्त ऑक्सीजन को ग्रहण करते हैं तथा CO2 को निष्कासित करते हैं। इस CO 2 गैस का इस्तेमाल पेड़ पौधे अपना भोजन बनाने के लिए करते हैं।

हवा कितने प्रकार की होती है?

वायु अथवा हवा के सात प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

1. प्रवह

यह वायु बहुत ही शक्तिशाली होती है। इस हवा के कारण ही आसमान में उपस्थित बादलों में गति होती है एवं वे अपनी स्थिति आपस में परिवर्तित करते हैं।

2. आवह

यह वायु सूर्य मंडल से संबंधित होती है। ध्रुव के माध्यम से यह वायु सूर्य मंडल को घुमाने में सहायता करती है।

3. उद्वव

यही तीसरे प्रकार की वायु है जो चंद्रलोक में उपस्थित होती है। इसी वायु की वजह से चंद्र मंडल को घुमाया जाता है।

4. संवह

यह चौथे प्रकार की वायु है जो नक्षत्र मंडल में उपस्थित होती है इसी हवा की वजह से नक्षत्र मंडल गति करता है।

5. विवह

वायु की पांचवी शाखा का नाम होता है विवह। और यह ग्रह मंडल में मौजूद होती है इसके द्वारा ही ग्रह चक्र ध्रुव से संबंध होकर घूमते रहते हैं।

6. परिवह 

यह वायु या हवा की छठी नंबर की शाखा है यह सप्त ऋषि मंडल में उपस्थित होती है। इसी के कारण ध्रुव से संबंध होकर सप्तर्षी आकाश में इधर-उधर भ्रमण करते हैं। 

7. परावह

यह वायु का अंतिम प्रकार है जो ध्रुव से आवद्ध है। इस हवा के द्वारा ही धर्म चक्र और अन्यानय मंडल एक स्थान पर एक साथ रहते हैं। इस प्रकार की हवा को परावह नाम दिया गया। 

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हवा के उपयोग (Uses Of Air)

अब हम आपको हवा अथवा वायु के अत्यंत महत्वपूर्ण उपयोग बताने जा रहे हैं। यह उपयोग निम्न प्रकार है – 

  • सर्वप्रथम हमारी प्राणवायु है इसके बिना जीवन संभव नहीं है और ना ही जीवन की कल्पना की जा सकती है।
  • पेड़ पौधे अपना भोजन बनाने के लिए वायु का इस्तेमाल करते हैं और अपने दैनिक जीवन चर्या को सुचारू रूप से चलाते हैं।
  • हवा के द्वारा बड़ी-बड़ी पवन चक्की और विंडमिल्स चलाए जाते हैं जिनकी सहायता से बिजली का उत्पादन किया जाता है।
  • ईंधन को जलाने के लिए हवा की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
  • समुद्र और नदियों में पालों वाला जहाज जिसे Sailboats कहा जाता है, चलाने के लिए हवा की जरूरत होती है।
  • ग्लाइडर (बिना इंजन का हवाई जहाज) उड़ाने के लिए हवा आवश्यक है।
  • वाहनों के टायर्स में हवा भरी जाती है जिससे कि वे चल पाते हैं। आजकल बिना हवा वाले टायर्स भी मार्केट में उपस्थित हैं।

hawa ka sutra

हवा अथवा वायु प्रदूषण (Air Pollution)

वायु का प्रदूषित हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है। यह किसी भी माध्यम से हो सकता है अर्थात यदि वायुमंडल में उपस्थित हवा में कोई अवांछनीय कण (Unwanted Particle) उपस्थित पाया जाता है जो जीव-जंतुओं पर विपरीत प्रभाव डालता है तो इस प्रकार की वायु को प्रदूषित वायु कहा जाता है और इस प्रदूषण को वायु प्रदूषण कहा जाता है।

वायु प्रदूषण को विस्तार से जानना और इसको रोकने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण के कारण बहुत प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है और भी इसके अलावा कई प्रकार की नई-नई बीमारियां जन्म लेने लगी हैं। अतः वायु प्रदूषण को रोकना बहुत ही आवश्यक है नहीं तो दिन पर दिन ऐसी बीमारियां बढ़ेंगे जिनका हमारे पास कोई इलाज भी नहीं होगा और एक बड़ी जनहानि हो जाएगी।

formula of air

निष्कर्ष

तो दोस्तों हमने आज के इसलिए हवा का सूत्र में जाना की हवा का सूत्र क्या होता है, हवा का सूत्र बताइए। हवा में कौन-कौन से अन्य कैसे मिली हुई होती हैं एवं अन्य भी बहुत सारी जानकारी आज हमने इस लेख के माध्यम से हासिल की। यदि आपको लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों में शेयर कर सकते हैं। बहुत जल्द मिलेंगे एक नए आर्टिकल के साथ तब तक के लिए नमस्कार साथियों। 

 

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