वाष्पन किसे कहते हैं वाष्पन की परिभाषा, उदाहरण (Evaporation in Hindi)

वाष्पन किसे कहते हैं
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नमस्कार दोस्तों हमारी Hindi Chemistry वेबसाइट पर एक नए पोस्ट पर आपका बहुत स्वागत है। आज हम वाष्पन के बारे में बात करने जा रहे हैं। वाष्पन एक भौतिक रासायनिक क्रिया है। किसी पदार्थ को खुला छोड़ देने पर उसका गैस में परिवर्तित होकर उड़ जाना वाष्पन कहलाता है। वाष्पन की क्रिया जल में अधिक देखने को मिलती है क्योंकि यह बहुत जल्दी भाप बनकर पड़ जाता है। दैनिक जीवन में बचपन के जो कुछ उदाहरण देखने को मिलते हैं हमारे इस आर्टिकल वाष्पन किसे कहते हैं के अंत में आपको वह भी जानने को मिलेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं अपना आज का लेख बिना किसी देर के।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वाष्पन किसे कहते हैं, वाष्पन का वेग किस पर निर्भर करता है, ताप बढ़ने पर वाष्पन की दर पर क्या असर पड़ता है, वाष्पन के उदाहरण विस्तार से समझाइए, वाष्पन का परिभाषा और वाष्पन को इंग्लिश में क्या की है, Vashpan Kise Kahte Hain आदि। हाल ही में बचपन से संबंधित बहुत सारे प्रश्न परीक्षाओं में देखने को मिलते हैं अतः आप हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंत तक जरूर पढ़ें इससे आपको बहुत फायदा होगा।

वाष्पन किसे कहते हैं? Evaporation in Hindi 

वाष्पन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिस प्रक्रिया में द्रव के सतह के कण गैस में बदलने लगते हैं वाष्पन को Evaporation कहा जाता है। वाष्पन की क्रिया एक बंद कमरे में भी हो सकती है और खुले वातावरण में भी। इस क्रिया में जल के अलावा और भी कई पदार्थ है जिन्हें खुला छोड़ देने पर वह वाष्प बनकर उड़ जाते हैं उदाहरण के लिए पेट्रोल डीजल आदि।

आपकी जानकारी के लिए एक बात बता दें कि वाष्पन की क्रिया कुछ कारकों पर भी निर्भर करती है जो आप हमारे इस आर्टिकल वाष्पन किसे कहते हैं में आगे जानेंगे।

वाष्पन किसे कहते हैं

वाष्पन को प्रभावित करने वाले कुछ मुख्य कारक

अपने आर्टिकल वाष्पन किसे कहते हैं कि इस पैराग्राफ के अंतर्गत हम आपको कुछ ऐसे कारक बताने जा रहे हैं जो वाष्पन की क्रिया को प्रभावित करते हैं। किन बातों पर वाष्पन का वेग निर्भर करता है ये आपको पूरी तरह से समझ में आ जाएगा। वाष्पन की क्रिया को प्रभावित करने वाले कारक निम्न प्रकार दिए गए हैं –

  • तापमान

    ताप वाष्पन की क्रिया को बहुत हद तक प्रभावित करता है। आपने देखा होगा कि गर्मियों के दिनों में वाष्पन की अभिक्रिया बहुत तेज होती है। यदि आप जल को एक पात्र में खुले स्थान पर रख दें तो वह बहुत कम समय में evaporate होकर उड़ जाता है। वही ठंडे मौसम की बात करें तो वाष्पन की क्रिया बहुत कम होती है क्योंकि ठंडो में तापमान बहुत नीचे गिर जाता है।
    चलिए अब आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है। तो मित्रों इसका कारण यह है कि गर्म वायु अपने अंदर अधिक नमी धारण करने की क्षमता रखती है जिस कारण गर्मियों में वायु बहुत अधिक नमी को सोख लेती है और ठंडी वायु कम नमी धारण कर पाती है जिसके कारण वह अधिक नमी को ठीक से वाष्पित नही कर पाती है।

  • बदलो का घेराव

    यदि किसी समय किसी स्थान पर बहुत सारे बादल चारों ओर से घेरा बना लें तो उस स्थान पर सूर्य के विकिरण ऊर्जा के मान में कमी हो जाती है। अर्थात सूर्य की पर्याप्त ऊर्जा पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है जिस कारण वाष्पन की क्रिया में कमी आती है। वहीं बादलों की अनुपस्थिति में वाष्पन की क्रिया तेजी से होती है।

  • हवा

    हवा भी वाष्पीकरण की क्रिया को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी स्थान पर यदि तेज हवा चल रही होती है, तो वह वाष्पन की क्रिया में वृद्धि कर देती है और यदि किसी स्थान की वायु शांत है, तो यह बस प्रतिक्रिया को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती है। वायु का वेग जब तक तेज बना रहेगा, वाष्पन की क्रिया भी तेज होगी।

  • हवा में आद्रता 

    जिस वायु में नमी अधिक होती है वह और अधिक नमी धारण करने में असमर्थ होती है और वाष्पन की क्रिया में कमी करती है। आपने यह देखा होगा कि ठंडो के दिनों में कपड़े देर से सूखते हैं क्योंकि उस मौसम में वायु में नमी ज्यादा होती है तो यह कपड़ों में उपस्थित अधिक जल को धारण करने में असमर्थ रहती है। अतः हवा में आद्रता भी वाष्पन को प्रभावित करने का एक मुख्य कारक है।

  • जल की उपलब्धता

    वाष्पीकरण की क्रिया उन स्थानों पर अधिक होती है जहां जल की अधिक मात्रा उपस्थित होती है। यहां कहने का तात्पर्य यह है कि स्थलीय भागों की अपेक्षा जलीय भागों में वाष्पन की क्रिया बहुत तेजी से होती है। अतः जल की उपलब्धता भी वाष्पन को प्रभावित करती है।

  • क्वथनांक

    वाष्पन को प्रभावित करने वाला एक और कारक क्वथनांक भी है। जिस पदार्थ का क्वथनांक कम होता है उसे वाष्पित करना आसान होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कम क्वथनांक वाला पदार्थ कम तापमान पर ही उबलने लगता है और वह भाप में बदलकर अंततः वाष्पित हो जाता है। अतः इसलिए यह कहा जा सकता है की क्वथनांक और वाष्पन की क्रिया में व्युक्रमामुपति का संबंध स्थापित होता है।

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वाष्पन के उदाहरण बताइए

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में ही हमें ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलेंगे जो कि वाष्पन की क्रिया से संबंधित होते हैं। तो आखिर यह कौन से उदाहरण हैं, आइए जानते हैं अपने इस लेख वाष्पन किसे कहते हैं में –

  • गीले कपड़ों का सूखना एक वाष्पीकरण की क्रिया है। अधिक धूप होने पर यह क्रिया तेज होती है।
  • समुद्र के जल का वाष्पित होकर बादलों में बदल जाना वाष्पन का एक बहुत प्रमुख उदाहरण है।
  • नहाने के पश्चात हमारे शरीर पर उपस्थित पानी की बूंदे वाष्पित होकर उड़ जाती हैं जिसके पश्चात हमें ठंडक का एहसास होता है।

वाष्पन किसे कहते हैं

वाष्प शीलता किसे कहते हैं?

भौतिक रासायनिक विज्ञान में किसी पदार्थ का वाष्प बनकर उड़ जाने की प्रवत्ति को उस पदार्थ की वाष्प शीलता कहते हैं। वाष्पशीलता का संबंध वाष्पशिलता से सीधे-सीधे होता है। वे पदार्थ जो अधिक वाष्प दाब उत्पन्न करते हैं जल्दी वाष्पन हो जाते हैं उनकी अपेक्षा जो पदार्थ कम वाष्प दाब उत्पन्न करते हैं।

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निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस महत्वपूर्ण लेख वाष्पन किसे कहते हैं में आपने जाना कि वाष्पन का वेग किस पर निर्भर करता है, वाष्पन की परिभाषा क्या है, ताप बढ़ाने पर वाष्पन की दर कैसे प्रभावित होती है आदि। इन प्रश्नों से संबंधित या फिर कोई और सुझाव या शिकायत आपके मन में हो तो आप हम से कांटेक्ट करने के लिए नीचे कमेंट सेक्शन में अपनी राय दे सकते हैं हम शीघ्र ही आपको उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

 

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